Friday, March 29, 2024
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लद्दाख की स्थिति पर संसद में रक्षा मंत्री: राजनाथ सिंह ने कहा- लद्दाख में सेनाएं हटाने पर चीन के साथ समझौता हुआ, हमने कुछ भी नहीं खोया…

  • रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा- जिन शहीदों के पराक्रम पर डिसएंगेजमेंट आधारित है, उन्हें यह देश याद रखेगा।

नई दिल्ली/ भारत और चीन की सेनाएं लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से हटने को तैयार हो गई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पैंगॉन्ग के नॉर्थ और साउथ इलाके में डिसएंगेजमेंट का समझौता हो गया है। हालांकि, अभी भी कुछ इश्यूज बचे हैं। चीन के साथ बातचीत में हमने कुछ खोया नहीं है।’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने सभी चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है। कई इलाकों को चिह्नित किया गया है, जहां हमारी सेनाएं मौजूद हैं। लद्दाख की ऊंची चोटियों पर भी हमारी सेनाएं मौजूद हैं, इसलिए हमारा तेज बना हुआ है। जिन शहीदों के पराक्रम पर डिसएंगेजमेंट आधारित है, उन्हें यह देश याद रखेगा।

चीन ने पिछले साल LAC पर गोला-बारूद जमा किया था
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन द्वारा पिछले साल अप्रैल-मई के दौरान ईस्टर्न लद्दाख की सीमा के पास भारी मात्रा में सेना और गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया गया था। चीन ने LAC के पास कई बार ट्रांसप्लेशन का भी प्रयास किया था। हमारी सेना ने उन सभी सशस्त्र प्रयासों का उपयुक्त जवाब दिया। इस सदन के साथ पूरे देश ने उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी, जिन्होंने सीमा की रक्षा करते हुए बलिदान दिया था।

राजनाथ ने यह भी बताया कि पिछले साल सितंबर से दोनों पक्षों (भारत-चीन) के बीच मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत जारी है। हमारा लक्ष्य है कि LAC पर डिसएंगेजमेंट और यथास्थिति (Status Quo) बरकरार हो, ताकि शांति और ट्रैंक्वैलिटी दोबारा स्थापित हो सके।

चीन का भारत की 43 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा है
रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने 1962 से लद्दाख के अंदर 38 हजार वर्ग किमी इलाके पर अनाधिकृत तरीके से कब्जा कर रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने PoK में 5,180 वर्ग किमी जमीन अवैध रूप से चीन को दे दी। इस तरह चीन का भारत की करीब 43 हजार वर्ग किमी जमीन पर कब्जा है। उधर, चीन अरुणाचल प्रदेश की भी 9 हजार वर्ग किमी जमीन को अपना बताता है। भारत ने इन अप्रामाणिक दावों को कभी स्वीकार नहीं किया है।

चीन का दावा, LAC पर टकराव खत्म हो गया है
रक्षा मंत्री के राज्यसभा में बयान देने के एक दिन पहले यानी बुधवार को चीन की सरकार ने दावा किया कि लद्दाख में LAC पर भारत के साथ नौ महीने से चल रहा टकराव खत्म हो गया है। चीन के मुताबिक, बुधवार को दोनों ओर से फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों की एक साथ वापसी शुरू हो गई। इससे पहले, चीनी मीडिया ने भी दावा किया था कि पैंगॉन्ग लेक के दक्षिणी और उत्तरी इलाके से भारत-चीन की सेना ने डिसइंगेजमेंट की प्रोसेस शुरू कर दी है।

10वें दौर की मीटिंग जल्द होने की उम्मीद
चीन की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के स्पोक्सपर्सन वू कियान ने बताया कि चीन और भारत के बीच हुई कमांडर लेवल की 9वें दौर की बातचीत में डिसइंगेजमेंट पर सहमति बनी थी। इसके तहत ही दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पैंगॉन्ग हुनान और नॉर्थ कोस्ट से पीछे हटाना शुरू कर दिया है। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय का बयान आया। स्पोक्सपर्सन वांग वेनबिन ने कहा कि रूस में हुई बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री इस मसले का हल निकालने पर राजी हुए थे।

भारत और चीन के बीच 24 जनवरी को 9वें राउंड की बातचीत 15 घंटे चली थी। इसमें भारत ने कहा था कि विवाद वाले इलाकों से सैनिक हटाने और तनाव कम करने की प्रोसेस को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब चीन पर है। इस दौरान दोनों पक्ष कोर कमांडरों की 10वें दौर की बातचीत जल्द करने पर भी सहमत हुए थे, ताकि सैनिकों की वापसी का काम तेज हो सके।

पिछले साल 20 जनवरी को हुई थी झड़प
पिछले साल 20 जनवरी को सिक्किम के नाकु ला में दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी। हालांकि, तब दोनों सेना के कमांडर्स ने तय प्रोटोकॉल के तहत विवाद सुलझा लिया था। सूत्रों के मुताबिक चीन ने LAC पर घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने रोका तो चीनी सैनिकों ने हाथापाई शुरू कर दी। भारतीय सेना ने इसका जवाब देते हुए चीन के सैनिकों को खदेड़ दिया। झड़प में चीन के 20 और भारत के चार जवान जख्मी हुए थे।

पिछले साल अप्रैल से आमने-सामने हैं सेनाएं
चीन और भारत की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल-मई से आमने-सामने हैं। जून 2020 में गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, हालांकि उसने अपने सैनिकों की मौत की बात कभी कबूल नहीं की।

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