Sunday, January 12, 2025
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              CG: अपनी बताकर ड्राइवर ने 4 लाख में बेच दी कार.. फर्जी दस्तावेज तैयार कर राछाभांठा के ग्रामीण को बेची थी स्विफ्ट कार, आरोपी ड्राइवर गिरफ्तार

              जांजगीर: हर माह सैलरी लेकर स्विफ्ट कार चलाने वाले ड्राइवर ने कार को खुद की बताते हुए उसे राछाभांठा में रहने वाले एक ग्रामीण को 4 लाख रुपए की बेच दी और रुपए लेकर भाग गया। खुद की कार को ढूंढते हुए मालिक राछाभांठा पहुंचा तो उसने अपनी काे एक घर के पोर्च में खड़ी देखी और पूछताछ की तब मामले को खुलासा हुआ। इधर वारदात के बाद पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को रायगढ़ के सीतापुर से गिरफ्तार किया है। मामला मुलमुला थाना क्षेत्र का है।

              पुलिस के अनुसार कोनारगढ़ में रहने वाला युवक सूर्यकांत सिन्हा कोरबा के एनटीपीसी में ठेका कर्मचारी है। उसने वर्ष 2021 में एक मारूति स्विफ्ट डिजायर कार क्रमांक सीजी 04 एमजे 8078 को साढ़े 5 लाख रुपए खरीदा था। कार उसके छोटे भाई की देखरेख में था। उसकी कार काे जैजैपुर थाना अंतर्गत बोड़सरा का रहने वाला युवक विजय दास महंत चलाता था। कई माह तक सूर्यकांत विजय दास से संपर्क करने का प्रयास करता रहा, लेकिन उसकी कहीं काेई जानकारी मिली।

              वह अपनी कार की तलाश करते हुए राछाभांठा पहुंचा तब उसने राछाभांठा में रहने वाले ग्रामीण कीर्तन लाल कोसरिया के मकान के नीचे पोर्च में खड़ा देखा। अपनी कार का देखकर वह कीर्तन लाल के मकान में पहुंचा और उससे कार के संबंध में पूछताछ की। तब उसने कार को विजय दास से 4 लाख रुपए में खरीदने की बात कही और कार लौटाने से इंकार कर दिया।

              सूर्यकांत थाना पहुंचा और इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने ड्राइवर विजय दास महंत के खिलाफ आईपीसी की धारा 408 के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना में लिया और उसकी पतासाजी शुरू की। पुलिस ने मुखबिर की मदद से उसे रायगढ़ जिला के सीतापुर में पकड़ा और उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है।

              किस्त नहीं पटाने व फोन स्विच ऑफ होने पर शंका

              आरोपी कार का ड्राइवर विजय दास महंत कार को अपने पास रखता था और बिलासपुर, रायपुर, कोरबा, रायगढ़ बुकिंग पर लेकर जाता था। साथ ही फाइनेंस की रकम जमा करने के बाद बुकिंग से मिली राशि को वह रह माह बुकिंग की राशि को लाकर सूर्यकांत को लाकर देता था। विजय दास महंत ने जून 2022 से न तो किस्त की राशि जमा की और न ही बुकिंग से मिले रुपए को लौटाया, तब सूर्यकांत ने विजय को कॉल किया, मगर उसके मोबाइल स्वीच आफ आने लगा। स्वीच आफ होने के बाद सूर्यकांत सिन्हा ने उसकी खोजबीन शुरू की तब मामले का खुलासा हुआ।




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