Wednesday, April 24, 2024
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20 हजार के विवाद में पार्षद के भतीजे की हत्या: जिस बैग को लेकर आरोपियों के पास पहुंचा था, उसी में मिली लाश; उसके मोबाइल से परिजन को मैसेज भेजते थे- जल्द आऊंगा…

  • रायपुर के खमताराई थाना इलाके में जतिन राय नाम के युवक की हत्या, पार्षद अंजनी विभार का भतीजा था जतिन
  • परिजन ने पुलिस पर लगाए लापरवाही के आरोप, कहा- 6 दिन पहले ही पकड़े जाते कातिल मगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की

सोमवार की रात खम्हारडीह इलाके में एक सूटकेस से 20 साल के जतिन राय नाम के युवक की लाश मिली थी। पुलिस इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले प्रदीप नायक, सुजीत तांडी और केवी दिवाकर को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती जांच में सामने आया है कि बाहर जाने के बात कहकर 9 फरवरी को आरोपी प्रदीप ने जतिन को बुलाया था। उसने कहा था कि अपने साथ एक बड़ा ट्रॉली बैग लेकर आना। जतिन ने अपनी मां से बैग मांगा, उन्होंने बैग देने से इनकार कर दिया। उधर, आरोपी बार-बार उसे कॉल कर बुला रहे थे।

जांच में ये बात सामने आई कि गला दबाकर जतिन की हत्या की गई है।

जांच में ये बात सामने आई कि गला दबाकर जतिन की हत्या की गई है।

जतिन ने कुछ देर बाद अपने पड़ोसी अभय से एक बड़ा सूटकेस लिया और प्रदीप से मिलने के लिए निकला। प्रदीप के बताए स्थान पर पहुंचने के बाद 20 हजार रुपए लौटाने को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। फिर प्रदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर जतिन की लगा दबाकर हत्या कर दी। फिर उसके लाश को उसी सूटकेस में भर दिया जिसे लेकर वह पहुंचा था। इसके बाद आरोपी जतिन का स्कूटर लेकर खम्हारडीह गए और चंडीनगर में सुनसान इलाके के कुएं में लाश भरे बैग को फेंककर भाग गए।

जतिन की चाची है पार्षद

जतिन की चाची अंजनी विभार पार्षद हैं, इनके पति कांग्रेस नेता राधेश्याम विभार भी पार्षद रह चुके हैं। 9 फरवरी को जतिन के लापता होने की शिकायत खमतराई थाने में परिवार ने दर्ज करवाई थी। पुलिस ने जतिन का पता तो लगाया, मगर तब तक उसकी हत्या हो चुकी थी।

प्रदीप, उसका साथी सूरज और केवी दिवाकर, अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इन तीनों ने 20 साल के जतिन की हत्या कर दी।

प्रदीप, उसका साथी सूरज और केवी दिवाकर, अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इन तीनों ने 20 साल के जतिन की हत्या कर दी।

KTM बाइक रखी थी गिरवी
पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि मुख्य आरोपी प्रदीप और जतिन को कुछ रुपयों की जरुरत थी। करीब एक महीने पहले प्रदीप ने अपनी KTM बाइक गिरवी रखी थी। इसके बदले में उन्हें 30 हजार रुपए मिले थे। इसमें से 20 हजार रुपए प्रदीप ने जतिन को दिए थे। इन रुपयों को जतिन लौटा नहीं रहा था। इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ और बात हत्या तक जा पहुंची। पुलिस फिलहाल प्रदीप से पूछताछ कर रही है। हालांकि जतिन के परिवार वालों का कहना है कि प्रदीप, जतिन से चिढ़ता था, इसलिए उसकी हत्या की और अब बेवजह के रुपयों की देनदारी की बातें कर रहा है।

पुलिस को जतिन का शव इसी हालत में मिला था।

पुलिस को जतिन का शव इसी हालत में मिला था।

खूब शराब पिलाई और मारकर डाला सूटकेस में
जतिन के चाचा राधेश्याम विभार ने बताया कि प्रदीप ने घटना से पहले जतिन को 16 फोन कॉल किया था। वो उसे अपने पास बुला रहा था, जतिन जाने से इनकार कर चुका था। मगर वो दबाव बना रहा था। जतिन जब प्रदीप के पास भनपुरी स्थित मकान में पहुंचा तो यहां दोस्तों ने मिलकर शराब पार्टी की। प्रदीप ने जानबूझकर जतिन को ज्यादा शराब पिलाई। जतिन बेसुध हो चुका था।

प्रदीप ने तेज आवाज में म्यूजिक चला रखा था ताकि किसी को पता न चले। इसके बाद गमछे से उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद जो सूटकेस जतिन लेकर गया था उसी में उसे डालकर खम्हारडीह में फेंक आए। सोमवार को कचरा बीनने वाले एक बच्चे की नजर कुएं में पड़े बैग और उसमें से निकले पैरों पर पड़ी थी। प्रदीप, केवी दिवाकर और सुजीत तांडी खमतराई इलाके के WRS कॉलोनी और भनपुरी इलाके में रहते हैं। यहीं जतिन और उसका परिवार भी रहता है। जतिन के पिता देवकुमार रेलवे में कर्मचारी हैं।

हत्या के बाद बनाया ऐसा प्लान कि परिवार को लगे की जतिन जिंदा है

राधेश्याम विभार ने बताया कि तीनों युवकों ने जतिन की मौत के बाद एक ऐसा प्लान बनाया था, ताकि घर वालों और पुलिस को यही लगे कि जतिन जिंदा है और वो घर से कहीं चला गया है। आरोपी युवकों ने जतिन की हत्या के बाद उसका मोबाइल फोन अपने पास रख लिया था। जब मामला पुलिस के पास पहुंचा और घर वालों ने उसकी खोजबीन शुरू की तो आरोपी जतिन के मोबाइल से परिवार को मैसेज भेजते थे, वो लिखते थे कि पापा, मैं ठीक हूं, जल्द घर लौट आउंगा, मेरे दोस्तों को कुछ रुपए देने हैं तो वो पैसे आप लोग उन्हें लौटा दीजिए।

खमतराई थाने में पुलिस की लापरवाही का गुस्सा फूटा, देर रात तक नारेबाजी होती रही।

खमतराई थाने में पुलिस की लापरवाही का गुस्सा फूटा, देर रात तक नारेबाजी होती रही।

तो आज शायद जिंदा होता मेरा भतीजा
जतिन की मौत की खबर मिलते ही कांग्रेस नेता राधेश्याम विभार का गुस्सा पुलिस पर फूटा। सोमवार देर रात तक वो थाने के बाहर बैठकर नारेबाजी करते रहे। उन्होंने बताया कि 9 तारीख को ही परिवार ने प्रदीप पर शक जाहिर किया था। अगले दिन मुझे मेरा स्कूटर मिला था। रात के वक्त जतिन इसी स्कूटर से प्रदीप से मिलने गया था। स्कूटर के पास एक बैग में प्रदीप के कपड़े मिले थे। तब ही साफ हो गया था कि जतिन के गायब होने में प्रदीप का हाथ जरूर है।

बैग से एक चौड़ा टेप भी मिला था। हम लगातार पुलिस से कहते रहे कि इन युवकों से कड़ाई से पूछताछ करें, मगर खमतराई थाने की पुलिस परिवार को यह कहकर चलता कर देती थी कि रुपयों की देनदारी से बचने आपका लड़का कहीं भाग गया है, लौट आएगा।

उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधी के साथ पुलिस का ऐसा सलूक है तो सोचिए आम आदमी के साथ क्या होता होगा। पुलिस यदि वक्त रहते मुस्तैदी दिखाती तो आज मेरा भतीजा जिंदा होता। जतिन के पिता भी इन आरोपियों से जुड़ी जानकारी पुलिस को दे रहे थे, उन्होंने ये तक कहा था कि अगर हमने गलत जानकारी दी है तो हमें गिरफ्तार कर लिजिएगा।

सीएम तक पहुंची लापरवाही की शिकायत
जतिन हत्याकांड मामले में पुलिस के ढीले रवैये की जानकारी सीएम भूपेश बघेल तक पहुंची है। उन्होंने राधेश्याम विभार से मंगलवार को फोर पर बात की। जतिन की मौत पर उन्होंने संवेदना व्यक्त की। देर रात की क्षेत्र के लोगों ने खमतराई थाने का घेराव कर दिया था। कांग्रेस बड़े नेता थाने पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि इस मामले में लापरवाही की जांच के बाद संबंधित जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। दूसरी तरफ जतिन का परिवार इस बात के लगातार दावे कर रहा है कि यदि जांच में पहले दिन से ही कसावट होती तो पहले ही कातिलों का पता चल चुका होता।

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