Sunday, November 24, 2024
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जशपुर अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश फिर बर्खास्त… पहली बर्खास्तगी आदेश को हाईकोर्ट ने किया था निरस्त, अब HC की फुल बेंच ने ही किया डिसमिस.. ADJ बोले- सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश पर सेवा में वापस आए अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश (ADJ) को हाईकोर्ट की फुलबेंच ने दो माह की सेवा के बाद फिर से बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी, जिस पर राज्य शासन ने उन्हें सेवा से पृथक करने का आदेश जारी किया है। दरअसल, एडीजे की पहली नियुक्ति साल 2017 में हुई थी, तब दो माह की सेवा के बाद ही उन्हें प्रोबेशन पीरियड में बर्खास्त कर दिया गया था, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट से केस जीतने के बाद ही उन्हें दो माह पहले सभी सेवाओं का लाभ देते हुए बहाल करने का आदेश दिया था।

गणेश राम बर्मन ने बताया कि साल 2014 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की सीधी भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी, जिसमें उनका चयन हुआ था। पहली नियुक्ति के बाद उन्होंने सवा दो साल काम किया। इस दौरान उनका प्रोबेशन पीरियड बढ़ाकर कंफर्म नियुक्ति दी जानी थी। लेकिन, फरवरी 2017 में हाईकोर्ट के स्टैडिंग कमेटी ने उनकी सेवा कंफर्म करने के बजाए उन्हें बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी, जिसके आधार पर राज्य शासन ने उन्हें बिना किसी सूचना और सुनवाई के मौका दिए ही बर्खास्त कर दिया था।

हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य शासन ने एडीजे को किया बर्खास्त।

हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य शासन ने एडीजे को किया बर्खास्त।

हाईकोर्ट में दी थी चुनौती, सिंगल बेंच ने पक्ष में दिया था आदेश
ADJ गणेश राम बर्मन ने अपनी बर्खास्तगी आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट के सिंगल बेंच में चुनौती दी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि हायर ज्यूडिशरी सर्विस 2006 के जिस नियम 9 (4) के तहत हटाया गया है। वह अवैधानिक है, क्योंकि हायर ज्यूडिशरी सर्विस के तहत की गई नियुक्ति को स्टैंडिंग कमेटी को हटाने का अधिकार ही नहीं है। हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने उनके तर्कों को सुनने के बाद पक्ष में फैसला देते हुए उनकी बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया था।

हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ की अपील, खारिज
इस फैसले के बाद हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की थी, जिसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट के स्टैंडिंग कमेटी को बर्खास्त करने का अधिकार है और स्टैंडिंग कमेटी ने नियम के तहत ही उन्हें बर्खास्त करने का फैसला लिया था। जबकि, जवाब में याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि हायर ज्यूडिशरी सर्विस के तहत हुई नियुक्ति को फुल कोर्ट को ही हटाने का अधिकार है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए बीते दिसंबर महीने उन्हें तत्काल एडीजे के पद पर नियुक्ति देते हुए सभी लाभ देने का आदेश दिया है।

ADJ बोले- सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच के आदेश के बाद याचिकाकर्ता गणेशराम बर्मन को दिसंबर 2022 में जशपुर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति दी थी। महज दो महीने के कार्यकाल के बाद तीन मार्च को हाईकोर्ट में फूल कोर्ट की बैठक हुई, जिसमें उन्हें दोबारा बर्खास्त करने की अनुशंसा कर दी गई, जिसके आधार पर राज्य शासन ने आदेश जारी कर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है। एडीजे बर्मन ने कहा कि अब वे इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे। क्योंकि, हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने उन्हें सभी लाभ देने का आदेश देते हुए सेवा में बहाल किया है। ऐसे में उनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया है और उन्हें सीनियारिटी का लाभ मिलना चाहिए और प्रोबेशन पीरियड के आधार पर किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को दो बार बर्खास्त नहीं किया जा सकता।




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