BILASPUR: बिलासपुर में शुक्रवार देर शाम फिर से मौसम बदल गया और जोरदार बारिश हुई। मार्च के महीने में हो रही बरसात से नगर निगम और स्मार्ट सिटी की पोल खोल दी है। शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के दावों के बीच बारिश से पुराना बस स्टैंड, सिम्स, सरकंडा सहित कई जगहों पर पानी का जमाव हो गया और लोग कीचड़ से परेशान होते रहे। वहीं, बारिश के बाद जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बनी रही। वहीं, मार्च के 31 दिन में एक भी बार तापमान 37 से पार नहीं हो सका और गर्मी से लोगों ने राहत महसूस की। पिछले दो दिन से हो रही बारिश से मौसम ठंडा हो गया है।
मार्च का महीना खत्म होने के बाद आज से अप्रैल शुरू हो गया है। ऐसे में तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि की संभावना नहीं है। इस माह पश्चिमी विक्षोभ और द्रोणिका के असर से बारिश होती रही, जिसके कारण तापमान में उस तरह से बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई, जैसा मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था।
रात में हुई झमाझम बारिश।
देर शाम होते ही हुई झमाझम बारिश, रात में भी हुई बरसात
शहर में मौसम का मिजाज पिछले दो दिनों से बदल गया है। गुरुवार को दिन भर धूप खिली रही और गर्मी से लोग हलाकान होते रहे। अचानक शाम को अंधड़ के साथ गरज-चमक हुई। फिर बारिश शुरू हो गई। ऐसे ही शुक्रवार को भी धूप का आना-जाना लगा रहा और बदली छाई रही। लेकिन, दोपहर में लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली। इधर, शाम होते ही ठंडी हवाओं के साथ बादल गरजने लगा और झमाझम बारिश शुरू हो गई। इसके बाद ठंडी हवाएं चलने लगी और लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की। देर रात रूक-रूक कर बरसात होती रही। मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती घेरा बना हुआ है। एक द्रोणिका मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग से दक्षिण तमिलनाडु तक बनी हुई है और इस वजह से आंधी और बारिश के हालात बने हैं।
बारिश से शहर तर-बतर, निचली इलाकों में भरा पानी
शुक्रवार की रात हुई बारिश के बाद पुराना बस स्टैंड, सिम्स चौक, सरकंडा, अज्ञेय नगर सहित कई इलाकों में पानी का जमाव हो गया। नगर निगम के स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी की ओर से जगह-जगह सड़कों को खोदकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसके कारण पानी और कीचड़ से लोग परेशान होते रहे। इस अव्यवस्था को देखकर लोगों को बारिश में होने वाली परेशानी याद आ गई।
मार्च में इस तरह से रहा मौसम का उतार-चढ़ाव
बीते महीने में अधिकतम तापमान सिर्फ एक दिन 37 डिग्री से दर्ज हुआ था। 13 मार्च को अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री दर्ज किया गया था। इससे पहले 4 मार्च को 37 डिग्री पर रहा। न्यूनतम तापमान शुरूआती तीन दिनों में 20 से 21 डिग्री पर रहा। वहीं 4 मार्च को 17. 5 डिग्री पर आ गया था। 5 व 6 मार्च को 20.5 व 20 डिग्री, 7 मार्च को 18.8, 8 मार्च को 19.4, 20 मार्च को 20, 11 मार्च को 19.6 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था। 16 मार्च को कई दिनों बाद न्यूनतम तापमान 22 डिग्री पर रहा। लेकिन मौसम बदलने की वजह से 17 मार्च से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई। 22 मार्च तक यह 18.2 डिग्री के नीचे रहा।
बारिश का सिलसिला देर रात तक चलता रहा और रूक-रूक रात भर रिमझिम बरसात होती रही।
मार्च में सिर्फ एक बार 37 से ऊपर पहुंचा पारा
पश्चिमी विक्षोभ के आने और उसके बाद बनी द्रोणिका की वजह से 17 मार्च से शहर व जिले के साथ ही छत्तीसगढ़ के अधिकांश इलाकों का मौसम बदल गया। इसकी वजह से अधिकतम तापमान में रिकॉर्ड गिरावट आ गई। बारिश होने की वजह से 18 मार्च को अधिकतम तापमान सामान्य से 15 डिग्री नीचे चला गया। यह 22.4 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि, 19 मार्च को यह 27.8 डिग्री रहा पर फिर भी सामान्य से नौ डिग्री कम रहा। 20 मार्च को यह बढ़कर 30.4 डिग्री पहुंचा। तब भी तापमान सामान्य से सात डिग्री कम ही रहा। 21 मार्च को 29.4 डिग्री रहा और यह सामान्य से सात डिग्री नीचे चला गया। 22 मार्च को अधिकतम तापमान कई दिनों बाद 31.6 डिग्री दर्ज हुआ। लेकिन सामान्य से 6 डिग्री कम रहा।
बिजली गुल होने से परेशान हुए लोग
देर शाम अंधड़ और बारिश की वजह से कई इलाकों की बिजली बंद हो गई। हालांकि, कुछ देर ब्रेड डाउन के बाद सरकंडा के साथ ही रिहायशी इलाकों में लाइट चालू हो गई। लेकिन, मंगला, मोपका सहित आसपास के इलाकों में बिजली गुल होने से लोग घंटों परेशान होते रहे। इस दौरान लोग काल सेंटरों में फोन घनघनाते रहे। वहीं, बिजली विभाग की टीम फाल्ट खोजकर सुधारने में जुटे रहे।
आज भी बारिश के आसार
मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण उत्तर – पश्चिम राजस्थान के ऊपर 1.5 किमी तक विस्तारित है। एक द्रोणिका नियमित गति तेलंगाना से मध्य उत्तर प्रदेश तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में शनिवार को भी एक दो स्थानों में हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। वहीं, एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा अंधड़ चलने की भी आशंका जताई गई है।