Wednesday, April 24, 2024
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ठगी के दो मामले: स्कॉलरशिप का लालच देने मेडिकल स्टूडेंट्स को भेजा फर्जी सरकारी ई-मेल; कॉलेज में सीट के नाम पर 8 लाख वसूले…

  • रायपुर के गोलबाजार और पंडरी थाने में दोनों मामलों में केस दर्ज
  • एक मामले में बिलासपुर के युवक तो दूसरे में दिल्ली के गिरोह का हाथ

रायपुर के मेडिकल स्टूडेंट्स को कॉलेजों में दाखिला दिलवाने के नाम पर ठगा जा रहा है। दो मामले पुलिस के पास पहुंचे हैं। जांच टीमों को शक है कि और भी लोगों को ठगों ने अपने झांसे में लिया होगा। बहरहाल दोनों ही केसेस में पुलिस ठगों तक पहुंचने की कोशिश में है। पहला मामले में तो बिलासपुर के एक युवक ने स्वास्थ्य विभाग की फर्जी ई-मेल आईडी से स्कॉलरशिप दिलाने वादा करते हुए कई स्टूडेंट्स को मेल किया था। सायबर सेल ने इस युवक का पता लगा लिया है जल्द ही इसकी गिरफ्तारी की जाएगी। दूसरे में मामले में एक छात्रा के परिजन से ठगों ने रायपुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 8 लाख ले लिए।

विशेष सचिव तक पहुंचा मामला
21 जनवरी को छत्तीसगढ़ के चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव को पता चला कि स्वास्थ्य विभाग की फर्जी आईडी बनाकर एक ठग बच्चों से स्कॉलरशिप स्किम के नाम पर 30 हजार रुपए मांग रहा है। फौरन इसकी जानकारी विभाग के दूसरे अफसरों को दी गई और मामला पुलिस के पास पहुंचा। गोलबाजार की पुलिस ने सायबर सेल की मदद से पता लगाया कि ई मेल बिलासपुर के सुर्या रात्रे नाम के लड़के ने भेजा है।

ठग ने ई मेल [email protected] के नाम से भेजी थी। ठग ने सरकार की तरफ से ओवरसीट स्कॉलरशिप दिए जाने के दावे के साथ मेल किया था। जबकि इस तरह की कोई योजना विभाग चला ही नहीं रहा था। इस मामले में स्वास्थ्य संचालक ने फौरन FIR करवाई। जल्द ही ठग को पुलिस बिलासपुर से रायपुर लेकर आने वाली है।

8 मांगे और इन्होंने दे भी दिए
पंडरी पुलिस ने बताया कि अवीवा गार्डन कॉलोनी में कारोबारी संजय साहू रहते हैं। उनकी पत्नी फार्मा कंपनी में है। बेटी एमबीबीएस की तैयारी कर रही है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए इंटरनेट पर जानकारी शेयर की थी। इसे देखकर दिल्ली के सुरेंद्र कामत, विद्यानंद वर्मा और विश्वजीत शाह ने संपर्क किया। उन्होंने खुद को मेडिकल एजुकेशन में काम करने वाली एजेंसी बताया।

इन ठगों कहा कि वे रिम्स मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करा देंगे। छात्रा से एजुकेशन संबंधित दस्तावेज मांगे गये। उसके बाद 8 लाख में सौदा तय हुआ। ठगों ने कहा कि इस रकम के मिलते ही एडमिशन हो जाएगा। संजय साहू ने ठगों के खाते में पैसा जमा कर दिया। परिजन लगातार एडमिशन के बारे में पूछते रहे। ठग इन्हें चार महीने तक गुमराह करते रहे, लेकिन छात्रा का एडमिशन नहीं कराया। अब ठगों ने मोबाइल बंद कर दिए हैं। परेशान होकर स्टूडेंट के घर वाले अब पुलिस के पास पहुंचे और केस दर्ज करवाया।

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