Thursday, April 25, 2024
Homeसरगुजासरकारी जमीन का फर्जी पट्टा बनवाने वाले 44 लोगों को नोटिस जारी...

सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा बनवाने वाले 44 लोगों को नोटिस जारी करने वाले सहायक कलेक्टर को ट्रेनिंग के लिए भेजा रायपुर…

  • जांच शुरू होने के बाद आनन-फानन में ट्रेनिंग में भेजा, भाजपाई बोले- जांच बंद कराने की साजिश
  • मैनपाट में वन विभाग के प्लांटेशन की 500 एकड़ जमीन का तहसीलदार व पटवारियों ने जारी किया था पट्टा

अंबिकापुर/ छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा बनवाने वाले 44 लोगों को जिस सहायक कलेक्टर ने नोटिस जारी किया था, उन्हें ट्रेनिंग के लिए रायपुर भेज दिया गया है। फर्जी पट्टा बनाने के मामले के जांच अधिकारी सहायक कलेक्टर ने सभी पट्टाधारियों को नोटिस जारी किया था। अब भाजपा नेता और पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के नेताओं के नाम पर फर्जी पट्टा बना है, इसलिए जांच नहीं कराई जा रही है।

वहीं पड़ताल में खुलासा हुआ है कि कड़राजा ग्राम पंचायत के 44 लोगों को करीब 500 एकड़ जमीन का बोगस पट्टा जारी किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह जमीन वन विभाग की है, जहां 1990 में विभाग ने सामाजिक वानिकी के तहत करीब 1000 एकड़ में पौधरोपण कराया था, लेकिन 5-7 साल पहले जब अफसरों की मिलीभगत से पट्टा बनवाया गया तो लोगों के हौसले बुलंद हुए और प्लांटेशन में भारी भरकम पेड़ों को काट दिया गया।

इसके बाद भी अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है और प्लांट के आधे पेड़ कट चुके हैं और फर्जी पट्टा को रद्द करने अब तक बड़ी कार्रवाई नहीं होने से कई गावों में इसी तरह फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बता दें कि मैनपाट में हुई इस गड़बड़ी की जांच अगर ईमानदारी से की गई तो तत्कालीन तहसीलदार, पटवारी और कई अफसर इस मामले में जेल जा सकते हैं।

बताया जा रहा है कि तब के अफसरों ने इस मामले में पट्टा जिनके नाम पर जारी किया है, उनसे मिलीभगत कर पट्टा थमा दिया है। बता दें कि मैनपाट में फर्जी पट्टा का खुलासा भाजपा सरकार के काल में हुआ था और पटवारी जेल भी गए थे।

कई एकड़ का जंगल कर चुके हैं साफ

दैनिक भास्कर पड़ताल में पता चला है कि मैनपाट के कई गावों में भी वनभूमि का बड़े पैमाने पर सफाया किया जा रहा है और कब्जा किया जा रहा है। मैनपाट के नर्मदापुर, कुदारीडीह, सपनादर सहित कई गावों में जंगल साफ हो गया है और वन अफसर मुक-दर्शक बने हुए हैं। अब तक यहां सैकड़ों एकड़ जंगल साफ हो चुका है।

कलेक्टर के पास भेज दिया प्रकरण : मामले में तत्कालीन सहायक कलेक्टर विश्वदीप यादव का कहना है कि उन्होंने मामले की जांच शुरू की थी, लेकिन वे ट्रेनिंग में रायपुर चले गए हैं। वहीं प्रकरण को कलेक्टर के पास भेज दिए हैं। प्राथमिक रूप से फर्जी पट्टा जारी होने की पुष्टि हुई थी।

नेताओं का बना है फर्जी पट्‌टा, इससे दबा दी जांच
भाजपा नेता व पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रभात खलखो का कहना है कि मैनपाट के कांग्रेस के कई नेताओं का फर्जी पट्टा बना है। इसके कारण जांच को दबा दिया गया है तो खाद्य मंत्री अपने बेटे के नाम पर जमीन खरीदने में लगे हुए हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular