Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़ में पाषणकालीन मूर्तियां: बीजापुर के जंगलों में मिली देवी-देवताओं की प्राचीन प्रतिमाएं, आदिवासियों ने की मंदिर बनाने की मांग…

  • महाराष्ट्र-तेलंगाना बार्डर पर उस्कालेड के जंगलों में जमीन में धंसी मिली हैं मूर्तियां
  • क्षेत्रीय विधायक ने दिया मंदिर बनवाने का आश्वासन, ASI को कोई जानकारी नहीं

छत्तीसगढ़ में बीजापुर के जंगलों में प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। इन प्रतिमाओं को पाषाण कालीन और विभिन्न देवी-देवताओं की बताया जा रहा है। स्थानीय आदिवासियों ने इन प्रतिमाओं के लिए मंदिर बनवाने की मांग की है। उन्होंने इन प्रतिमाओं के हजारों साल पुराना होने का दावा किया है। वहीं स्थानीय विधायक ने मंदिर बनवाने का आश्वासन भी दे दिया है। हालांकि भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

यह प्रतिमाएं दक्षिण-पश्चिम बस्तर के बीजापुर में उस्कालेड जंगलों से प्राप्त हुई हैं। कुछ जमीन के ऊपर थी और कुछ अंदर धंसी हुई मिली हैं। यह क्षेत्र महाराष्ट्र और अविभाजित आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना राज्य) से लगा हुआ है। बताया जा रहा है कि बीजापुर जिला रायलसीमा क्षेत्र में आता था। पहले भी महाराष्ट्र और वर्तमान सीमांध्र राज्य के कुछ हिस्सों में पाषाण युग के चिन्ह मिले हैं। आंध्र क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति में पाषाण युग कह मूर्तियां अभी भी मौजूद हैं।

ग्रामीण बोले- ये मूर्तियां उनके दादा-परदादाओं के समय की
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, जंगल में मिली मूर्तियां उनके दादा-परदादाओं के समय की हैं। क्षेत्रीय विधायक विक्रम शाह मंडावी के क्षेत्रीय भ्रमण और जन संपर्क के दौरान ग्रामीणों ने इस संबंध में उन्हें अवगत कराते हुए मंदिर निर्माण कराने की बात कही थी। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक ने धार्मिक भावना का सम्मान करते हुए मंदिर निर्माण के लिए हर संभव मदद की बात कही है। वहीं दूसरी ओर ASI को इस संबंध में अब तक पता नहीं है।

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