कोरबा (BCC NEWS 24): लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम का मुख्य उददेश्य कमजोर एवं गरीब वर्गाे को उनके मामलों में विधिक सहायता दिलाना है। भारतीय संविधान के नीतिगत सिद्धांतों के अनुसार उन्हें वर्ग के लोगों को मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है, उन्हें उनके इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, इसके अलावा उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली विधिक सहायता एवं सलाह भी प्राप्त होनी चाहिये। अनु0जाति, जनजाति, जेल में निरूद्ध बंदी, महिला एवं बच्चों प्राकृतिक आपदा के पीड़ित, जिनकी आय डेढ लाख से कम हो, वरिष्ठ नागरिक, कैंसर रोगी, एचआईव्ही पीड़ित, थर्ड जेंडर, मानसिक रोगी व्यक्तियों जो इस निःषुल्क विधिक सहायता की पात्रता की श्रेणी में आते हैं उन्हें उक्त विधिक सेवा का लाभ मिलना चाहिये। उक्त बातें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा, मुख्य संरक्षक, सालसा ने छत्तीसगढ़ के शेष जिलों बालोद, बेमेतरा, दन्तेवाड़ा, जशपुर एवं कोण्डागांव में स्थापित होने वाले लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम के वर्चुअल मोड पर उच्च न्यायालय से शुभारम्भ करते हुए कही। श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, कार्यपालक अध्यक्ष, सालसा ने अपने उदबोधन में कहा कि.पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर में स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम की सफलता के कारण ही नालसा के निर्देशानुसार दूसरे चरण में 17 जिलों तत्पश्चात् शेष 05 जिलों मंे आज इसका शुभारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने उक्त सिस्टम हेतु नियुक्त चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट कौंसिलों को अच्छे से कार्य करने की अपेक्षा करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों को अधिक से अधिक विधिक सहायता प्रदान करने की बात कही।
सालसा के सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल ने कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए मुख्य न्यायाधिपति एवं कार्यपालक अध्यक्ष को इस शुभारम्भ समारोह हेतु कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उपस्थित सभी सम्मानीय अतिथियों एवं विडियो कान्फेसिंग के जुड़े जिला न्यायाधीश, सचिव, एवं कौंसिलों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार शेष पंाच जिलों बालोद, बेमेतरा, दन्तेवाड़ा, जशपुर एवं कोण्डागांव में जिला न्यायालय में लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम स्थापित किया गया है।
ज्ञात हो कि नालसा के निर्देशानुसार प्रथम चरण में बिलासपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम की शुरूआत फरवरी, 2020 में की गई, तत्पश्चात इसके विस्तारित करते हुए जनवरी, 2023 में 17 जिलों फिर अप्रैल, 2023 में शेष 05 जिलो में इसकी शुरूआत की गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम के अंतर्गत सत्र न्यायालयों में लंबित सत्र प्रकरण, आपराधिक अपील, आपराधिक पुनरीक्षण एवं जमानत आवेदनों पर अभियुक्त/अनावेदक की ओर से पैरवी किया जाता है, जिसे द्वितीय एवं तृतीय चरण में कार्य क्षेत्र में विस्तार करते हुए सत्र न्यायालयों एवं मजिस्टेªट न्यायालयो में प्रकरणों को भी शामिल कर लिया गया है ताकि भी पात्र जरूरतमंदों को निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त हो सके।
उपरोक्त वर्चुअल शुभारम्भ समारोह में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के श्री न्यायमूर्ति पी.सैम कोशी, श्री न्यायमूर्ति संजय अग्रवाल, श्री न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल, श्री न्यायमूर्ति पी.पी. साहू, श्री न्यायमूर्ति एन.के. व्यास, श्री न्यायमूर्ति एन.के.चन्द्रवंशी, श्री न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी, श्री न्यायमूर्ति राकेश मोहन पाण्डेय, श्री न्यायमूर्ति राधाकिशन अग्रवाल एवं रजिस्ट्रार जनरल श्री अरविंद कुमार वर्मा, राज्य न्यायिक एकेडेमीकी डायरेक्टर श्रीमती सुषमा सांवत, रजिस्टी के अन्य अधिकारीगण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री आनंद प्रकाश वारियाल विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अवर सचिव कामिनी जायसवाल द्वारा किया गया। समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, सचिव, लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम हेतु नियुक्त समस्त कौंसिलगण उपरोक्त वर्चुअल मोड के माध्यम से जुडकर सम्मिलित हुए।