कोण्डागांव: बुधवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्रधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन पर डिफेंस कौंसिल सिस्टम कार्यालय भवन अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में वर्चुअल मोड के माध्यम से ई-शुभारंभ मुख्य न्यायाधीपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं प्रमुख संरक्षक छत्तीगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर गौतम भादुड़ी के कर कमलों से किया गया। उक्त शुभारंभ कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव उत्तरा कुमार कश्यप तथा अन्य न्यायाधीश उपस्थित रहे। जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव उत्तरा कुमार कश्यप के द्वारा शुभारंभ किया गया। उक्त कार्यक्रम मंव अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ कोण्डागांव के साथ समस्त अधिवक्तागण एवं नवनियुक्त डिफेंस कौंसिल चीफ, डिप्टी चीफ एवं असिस्टेंट उपस्थित रहे। इसके अलावा जिला एवं सत्र न्यायालय में कार्यरत समस्त कर्मचारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव में कार्यरत समस्त कर्मचारी तथा परिवार न्यायालय के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम का मुख्य उददेश्य कमजोर एवं गरीब वर्गों को उनके मामलों में विधिक सहायता दिलाना है। भारतीय संविधान के नीतिगत सिद्धांतों के अनुसार उन्हें वर्ग के लोगों को मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार है। उन्हें उनके इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, इसके अलावा उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली विधिक सहायता एवं सलाह भी प्राप्त होनी चाहिये। अनु0जाति, जनजाति, जेल में निरूद्ध बंदी, महिला एवं बच्चों प्राकृतिक आपदा के पीड़ित, जिनकी आय डेढ लाख से कम हो, वरिष्ठ नागरिक, कैंसर रोगी, एचआईव्ही पीड़ित, थर्ड जेंडर, मानसिक रोगी व्यक्तियों जो इस निःशुल्क विधिक सहायता की पात्रता की श्रेणी में आते हैं उन्हें उक्त विधिक सेवा का लाभ दिया जायेगा। ज्ञात हो कि नालसा के निर्देशानुसार प्रथम चरण में बिलासपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम की शुरूआत फरवरी, 2020 में की गई, तत्पश्चात इसके विस्तारित करते हुए जनवरी, 2023 में 17 जिलों फिर अप्रैल, 2023 में शेष 05 जिलो में इसकी शुरूआत की गई है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम के अंतर्गत सत्र न्यायालयों में लंबित सत्र प्रकरण, आपराधिक अपील, आपराधिक पुनरीक्षण एवं जमानत आवेदनों पर अभियुक्त एवं अनावेदक की ओर से पैरवी किया जाता है, जिसे द्वितीय एवं तृतीय चरण में कार्य क्षेत्र में विस्तार करते हुए सत्र न्यायालयों एवं मजिस्टेªट न्यायालयो में प्रकरणों को भी शामिल कर लिया गया है ताकि भी पात्र जरूरतमंदों को निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त हो सके।