Thursday, April 18, 2024
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आर्थिक सर्वेक्षण: कृषि और सेवा क्षेत्र में वृद्धि के बावजूद छत्तीसगढ़ में कम हुई लोगों की कमाई, अर्थव्यवस्था की सेहत फिलहाल ठीक…

छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक मार्च को प्रदेश का वार्षिक बजट पेश होना है। इससे पहले मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रख दिया है। - Dainik Bhaskar

छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक मार्च को प्रदेश का वार्षिक बजट पेश होना है। इससे पहले मंत्री अमरजीत भगत ने आर्थिक सर्वेक्षण सदन के पटल पर रख दिया है।

  • विधानसभा में पेश हुआ 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण
  • इस वर्ष 104943 रुपए प्रति व्यक्ति आय रहने का अनुमान

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश की आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को विधानसभा के पटल पर रखा है। इसमें सामने आया है कि कोरोना काल में भी कृषि और सेवा क्षेत्र में वृद्धि हुई है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ के लोगों की आय में गिरावट आई है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में भी नकारात्मक वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण में आये आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 4 हजार 943 रुपया अनुमानित है। यह वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 5 हजार 89 रुपयों से कम है। सर्वेक्षण प्रति व्यक्ति आय में 0.14 प्रतिशत गिरावट की बात करता है। काेरोना संकट के बाद भी पिछले पांच-छह वर्षों में यह दूसरा सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला वर्ष रहा है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 254 रुपये थी। 2017-18 में यह 89 हजार 690 रुपये और 2016-17 में यह 83 हजार 285 रुपये मापी गई थी। 2015-16 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय केवल 72 हजार 991 रुपये थी।

सर्वेक्षण के मुताबिक 2020-21 में स्थिर मूल्य पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 2 करोड़ 45 लाख 45 हजार 166 लाख रुपये अनुमानित है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 1.77 प्रतिशत कम है। इस में औद्योगिक क्षेत्र की गिरावट बड़ी वजह दिख रही है। GSDP (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान एक करोड़ 4 लाख 73 हजार 691 लाख रुपये अनुमानित है। यह वित्तीय वर्ष 2019-20 के औद्योगिक योगदान एक करोड़ 10 लाख 57 हजार 952 लाख रुपये से 5.28 प्रतिशत कम है।

अर्थव्यवस्था के इन क्षेत्रों में दिखा कमाल

वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही आए कोरोना संकट और लॉकडाउन जैसी स्थितियाें के बावजूद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि और सेवा क्षेत्रों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। राज्य के GSDP में इस बार कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र का योगदान 39 लाख 78 हजार 337 लाख रुपये अनुमानित है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 4.61 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का योगदान 17.64 प्रतिशत हुआ है। वहीं सेवा क्षेत्र का योगदान 81 लाख 6 हजार 591 लाख रुपये रहा है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 0.75 प्रतिशत अधिक है। जबकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 35.93 प्रतिशत हुई है।

आर्थिक आंकड़ों पर नेताओं ने यह कहा

विधानसभा के बाहर चर्चा में प्रदेश के खाद्य, योजना एवं आर्थिक, सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों के कारण विपरीत परिस्थितियों में भी राज्य का प्रदर्शन देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर रहा है। कोविड महामारी और लॉकडाउन के बावजूद कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि अनुमानित है। यह सरकार की गोधन न्याय योजना जैसी नीतियों का परिणाम है। उद्योग क्षेत्र में लॉकडाउन और देश के दूसरे हिस्सों में कारखानों के बंद रहने का असर दिखा है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, सकल घरेलू उत्पाद की दर में कमी होना बेहद चिंताजनक है। इसका असर छत्तीसगढ़ के जन जीवन और विकास पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि पर ही आश्रित हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रदेश की अर्थव्यवस्था पिछले दो साल में चौपट हुई है। इस आर्थिक सवेक्षण ने इस बात पर मुहर लगा दी है। डॉ. सिंह ने कहा, 20 वर्षों में यह पहली बार हुआ है कि प्रति व्यक्ति आय में कमी आई है।

आर्थिक सर्वेक्षण पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

रायपुर की पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र ब्रम्हे का कहना है कि प्रति व्यक्ति आय और GSDP में कमी के बावजूद आर्थिक सर्वेक्षण में कई महत्वपूर्ण संकेतक हैं। यह बताते हैं कि कोरोना काल के झटकों का असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बेहद कम हुआ है। केंद्रीय बजट में हमने देखा कि वहां GDP में 7.73 प्रतिशत की दर से नकारात्मक ग्रोथ की बात आई थी।

छत्तीसगढ़ में यह कमी केवल 1.77 प्रतिशत अनुमानित है। वहीं संकट काल में कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को संभाले रखने में बड़ा योगदान दिया है। इसका अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था, छत्तीसगढ़ जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्यों की अर्थव्यवस्था को कोविड से बड़ा नुकसान नहीं होगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आने से बच गई है। यह बड़ी बात है।

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