अंबिकापुर: अंबिकापुर में निरीक्षक बनाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोपी युुवक ने पीड़ित से कहा था कि मैं तुम्हारे भाई की नौकरी लगवा दूंगा। इसके लिए पैसे लगेंगे। फिर 2 लाख 36 हजार देकर पीड़ित को फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। उधर, जब पीड़ित का भाई जॉइनिंग करने के लिए दफ्तर पहुंचा। जिसके बाद पूरा मामला सामने आ सका है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
मुक्तिपारा में रहने वाले सचिन जायसवाल की पहचान पिछले साल शहर के शीतला वार्ड निवासी संकल्प तिवारी से हुई थी। संकल्प तिवारी अक्सर अपने दोस्त नितेश कश्यप के बारे में उसे बताता था कि वह उप पंजीयक सहकारी समिति में सहकारी निरीक्षक है। इस दौरान संकल्प भी अपने आप को सहकारी निरीक्षक बताता रहा। सचिन की संकल्प के साथ अच्छी जान पहचान हो गई थी।
4 लाख मांगे थे
इसके बाद संकल्प ने सचिन से कहा कि मैं तुम्हारे भाई की नौकरी अपने विभाग में निरीक्षक के पद पर लगवा दूंगा। मगर इसके लिए 4 लाख रुपए लगेंगे। इसी बात में सचिन आ गया और उसने पैसे आरोपी को दे दिए। उधर, आरोपी ने सचिन को फर्जी नियुक्त पत्र दे दिया। इसे लेकर सचिन का भाई दफ्तर पहुंचा। जहां उसे पता चला के यह फर्जी नियुक्ति पत्र है। इसके बाद पीड़ितों ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।