Thursday, December 26, 2024
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              नंदकुमार कांग्रेस में शामिल, बोले- अटल जी को फॉलो करता हूं… PCC चीफ मरकाम ने दिलाई सदस्यता; भूपेश बघेल ने कहा- सच्चे आदिवासी नेता हैं साय

              रायपुर: पूर्व सांसद और आदिवासी नेता नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। PCC अध्यक्ष मोहन मरकाम ने साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इस दौरान राजीव भवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री मो अकबर, प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनिला भेड़िया, सत्यनारायण शर्मा समेत कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे।

              नंदकुमार साय, रविवार को बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद आज कांग्रेस में शामिल हो गए। इस दौरान भूपेश बघेल ने कहा,आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है। और ऐसे समय में जिन्होंने गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया। ऐसे नंद कुमार ने आज कांग्रेस सी सदस्यता ली है। इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। वह सच्चे आदिवासी नेता हैं।

              मोहन मरकाम ने साय को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इस दौरान भूपेश बघेल भी मौजूद रहे।

              भूपेश बघेल ने आगे कहा, नंदकुमार साय का जीवन सादगी भरा है। वे अनाज तो खाते हैं लेकिन नमक नहीं खाते। पूरा जीवन आदिवासियों की सेवा के लिए संघर्ष किया। गरीबों के लिए लड़ते रहे। हमारी सरकार बनने के बाद आदिवासियों के हित में लिए गए निर्णय पर सार्वजनिक रूप से हमारे कामों की प्रशंसा करते रहे हैं।

              भूपेश बघेल ने कहा, नंदकुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने की बातचीत पहले से चल रही थी। लेकिन कल रात में नंद कुमार साय ने कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया, और पत्र कुमारी सेलजा को भेजा।जिसके बाद कुमारी सेलजा ने ये जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दी। फिर उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश की अनुमति दी। जिसके बाद पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सदस्यता दिलाई।

              तीन बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक साय छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

              सदस्यता लेने के बाद नंदकुमार साय ने क्या कुछ कहा, 5 पॉइंट में पढ़िए..
              1. ये निर्णय जीवन का बहुत कठिन निर्णय है। जनसंघ के समय से मैं और मेरे परिवार के लोग बीजेपी में रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं। अटल जी को फॉलो करता था।

              2. अटल,आडवाणी के दौर की जो बीजेपी पार्टी थी। वो पार्टी अब उस रूप में नहीं है। परिस्थितियां बदल चुकी हैं। छत्तीसगढ़ में छोटे गांव और कस्बे थे। भूपेश सरकार के काम पर मैंने स्टडी की है। छोटे गांव और कस्बे अब शहर बन गए।

              3. हम कहते थे देशभर का नाता है, गौ हमारी माता है। लेकिन सीएम भूपेश बघेल ने इसे एक नया स्वरूप दिया है। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना जनता के लिए कारगर साबित हुई है। मुझे अच्छा लगा भूपेश सरकार ने राम वनगमन पथ को बनाया।

              4. आज की तारीख में मैं बीजेपी में किसी पद पर नहीं था। मैं एक सामान्य कार्यकर्ता था। भले ही पार्टी में पद नहीं मिलता, लेकिन काम कैसे किया जा सकता है। ये तो पूछा जा सकता था।

              5. भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस अच्छा काम कर रही है। दल महत्व नहीं है, आम जनता से लिए काम करना है। मिलकर काम करेंगे तो छत्तीसगढ़ अच्छा होगा।

              राजीव भवन में एक साथ भूपेश बघेल, मोहन मरकाम और नंदकुमार साय।

              आज सुबह क्या हुआ जानिए…

              बीजेपी के सीनियर नेता विष्णु देव साय और संगठन महामंत्री पवन साय समेत कुछ और नेता नंदकुमार साय के निवास पहुंचकर उनसे मुलाकात करने का प्रयास किया। लेकिन उन्हें जानकारी दी गई कि, वह दिल्ली में हैं। जब उनसे फोन से संपर्क करवाने को कहा गया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। निवास पर नंद कुमार साय के बेटे से मुलाकात हुई, और फिर बीजेपी नेता लौट गए।

              अब जानते हैं साय ने अपने इस्तीफे में क्या लिखा है…

              मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। मेरी गरिमा को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है, जिससे मैं आहत महसूस कर रहा हूं। उन्होंने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा था कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैंने बीजेपी में अपने सभी पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया।

              कांग्रेस की सदस्यता लेते हुए नंदकुमार साय।

              चार दशक से ज्यादा पुराना नाता बीजेपी से तोड़ा

              तीन बार के लोकसभा सांसद और तीन बार के विधायक साय पूर्व में छत्तीसगढ़ और अविभाजित मध्य प्रदेश दोनों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। साय ने अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि उनके सहयोगी साजिश रच रहे थे। और उनकी छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे थे। जिससे उन्हें बहुत दुख हुआ।

              नंदकुमार साय का राजनीतिक सफर

              बीजेपी के प्रमुख आदिवासी चेहरा एवं उत्तरी छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले साय पहली बार 1977 में मध्य प्रदेश में तपकरा सीट (अब जशपुर जिले में) से जनता पार्टी के विधायक चुने गए थे। वह 1980 में भाजपा की रायगढ़ जिला इकाई के प्रमुख चुने गए। और 1985 में तपकरा से भाजपा विधायक चुने गए।

              1989, 1996 और 2004 में रायगढ़ से लोकसभा सदस्य और 2009 और 2010 में राज्यसभा सदस्य चुने गए। साय 2003-05 तक छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष और 1997 से 2000 तक मध्य प्रदेश भाजपा प्रमुख रहे।नवंबर 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वे छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के पहले नेता बने। साय 2017 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष बने।




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