Wednesday, December 25, 2024
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              छत्तीसगढ़ में जल्द होंगी बंपर भर्तियां… मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाईलेवल मीटिंग में लिया फैसला, आरक्षण मामले में SC के फैसले के बाद बुलाई थी बैठक

              रायपुर: छत्तीसगढ़ में जल्द ही सरकारी पदों पर बंपर भर्तियां होंगी। मुख्यमंत्री ने मिशन मोड में भर्ती पूरी करने के निर्देश दिए हैं। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम हाउस में उच्च अधिकारियों की एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई गई जिसमें बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में भर्ती का फैसला भूपेश बघेल ने लिया है।

              सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण मामले की सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण को सही बताया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से 58 फीसदी आरक्षण पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। अब इसी आरक्षण रोस्टर के अनुसार प्रदेश में भर्तियां करने का फैसला लिया गया है। भूपेश बघेल की ओर से बुलाई गई हाई लेवल मीटिंग में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अशोक जुनेजा, पीएससी के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह और सीएम के सचिव अंकित आनंद मौजूद रहे।

              क्या है पूरा मामला

              रमन सरकार के समय राज्य शासन ने आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत लोकसेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा-4 में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार अजजा वर्ग को 32 फीसदी, अजा वर्ग को 12 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था।

              बीते साल नवंबर में ही हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 58 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी। राज्य सरकार की ओर से मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। अब एससी के निर्देश को इस मामले में बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। जल्द ही इस पर सरकार अपना पक्ष रख सकती है। इसके बाद भर्ती और आरक्षण आधारित अन्य प्रक्रियाओं पर स्थिति साफ हो सकेगी।

              76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर अब तक राज्यपाल ने दस्तखत कर राज्य सरकार को नहीं भेजा है।

              76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर अब तक राज्यपाल ने दस्तखत कर राज्य सरकार को नहीं भेजा है।

              76 प्रतिशत आरक्षण का मामला राजभवन में अटका

              2 दिसंबर 2022 को प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक और शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक पारित हुआ है। इन दोनों विधेयकों में आदिवासी वर्ग-ST को 32%, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण का अनुपात तय हुआ है। सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण देने का भी प्रस्ताव है। इसको मिलाकर छत्तीसगढ़ में 76% आरक्षण हो जाता, मगर ये विधेयक राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए अब तक अटका ही है।




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