Monday, November 25, 2024
Homeछत्तीसगढ़बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर: बाल संदर्भ योजना....

बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर: बाल संदर्भ योजना….

  • कुपोषण को हराकर मासूम ’’जैकब’’ हुआ सेहतमंद

दंतेवाड़ा: स्वस्थ एवं सेहतमंद बचपन हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। बाल्यावस्था हर किसी के जीवन का सबसे विशिष्ट चरण होता है। जो भावी जीवन की शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास की दिशा और दशा तय करती है। आखिर एक स्वस्थ बालक ही आगे चलकर लक्ष्यों को प्राप्त करके परिवार, समाज और देश के प्रति अपना योगदान दे सकता है, और इसलिए शासन की सभी लक्ष्यों और नीतियों में मांओं और नौनिहालों से संबंधित योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती रही है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भी इसी उद्देश्य को लक्षित करके महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अनेकानेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और इसके सकारात्मक और लाभकारी परिणाम परिलक्षित हो रहे है। इसमें शासन की बाल संदर्भ योजना ने राज्य में कुपोषण को मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके जरिये आज हजारों बच्चे कुपोषण की अवस्था से उठकर सुपोषण की स्थिति में आ चुके है। इस कड़ी में दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना सेक्टर किरंदुल के आंगनबाड़ी केन्द्र पटेलपारा में दर्ज बालक जैकब भास्कर (पिता श्री राजेश भास्कर व माता श्रीमती पालो भास्कर) का जन्म दिनांक 17 जनवरी 2021 को हुआ और जन्म के समय उसका वजन 1.7 किग्रा. दर्ज किया गया था चूंकि इस बालक का जन्म समयपूर्व अर्थात 7 माह उपरान्त हो गया था। इसी कारण बच्चे का वजन कम था फलस्वरूप बच्चा गंभीर कुपोषित श्रेणी में शामिल किया गया। जैसा कि विदित है कि महिला बाल विकास द्वारा ऐसी श्रेणियों के बच्चों के लिए बाल संदर्भ शिविरों, पूरक पोषण आहार वितरण व एनआरसी में भर्ती किए जाने पहल की जाती है। इसके तहत विगत सत्र में दिनांक 21 नवम्बर 2022 को रायकैम्प किरंदुल में आयोजित बाल संदर्भ शिविर में बालक जैकब को आवश्यक दवाईयों जैसे मल्टीविटामिन सिरप व प्रोटीन पॉवडर ’’प्रोसफ’’ उपलब्ध कराकर एनआरसी में भेजा गया।  इस सघन प्रयासों के उपरान्त बच्चे के वजन में अपेक्षित वृद्धि दर्ज की गई व वर्तमान स्थिति में बच्चे का वजन 9.4 किलोग्राम हो चुका है। कुल मिलाकर अब नन्हा जैकब सुपोषित बच्चे की श्रेणी में आकर स्वस्थ है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उनकी स्वास्थ्य जांच किये जाने के उपरान्त आवश्यक दवाईयाँ आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सकों से स्वास्थ्य जांच कराये जाने की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इस क्रम में वित्तीय वर्ष 2022-23 में परियोजना किरन्दुल अंतर्गत कुल 15 बाल संदर्भ शिविरों का आयोजन किया गया है। जिसमें 89 गंभीर कुपोषित बच्चे लाभान्वित हुए है।




RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular