Friday, March 29, 2024
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गरियाबंद में फिर घुसे हाथी: धान खरीदी केंद्र का गेट और दीवार तोड़कर अंदर घुसे दो हाथी, दो घंटे तक फिंगेश्वर शहर में घूमते रहे…

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक बार फिर दो हाथी घुस आए। दोनों हाथी करीब दो घंटे तक फिंगेश्वर शहर में घूमते रहे और धान खरीदी केंद्र में उत्पात मचाया।

  • देर रात शहर में घुसे दोनों हाथी, केंद्र में रखी धान की बोरियों को पहुंचाया नुकसान
  • पिछले कई दिनों से दोनों हाथी क्षेत्र में जमाए हुए हैं डेरा, खुरसा गांव के पास पहुंचे

गरियाबंद/ पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में हाथियों का उत्पात जारी है। एक बार फिर गुरुवार देर रात हाथी फिंगेश्वर शहर में घुस आए। इस दौरान हाथियों ने धान खरीदी केंद्र की दीवार और गेट तोड़ दिया। वहां रखी धान की बोरियों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि ज्यादा नुकसान नहीं होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि हाथी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। इसके चलते वन विभाग को भी परेशानी हो रही है।

जानकारी के मुताबिक, फिंगेश्वर शहर में गुरुवार देर रात करीब 12 बजे दो हाथियों का दल घुस आया। इस दौरान करीब दो घंटे तक हाथी शहर में घूमते रहे। वह धान संग्रहण केंद्र में घुस गए और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। वहां से निकले तो शहर से होते हुए सरकड़ा, बिडोरा गांव की ओर बढ़ गए। फिलहाल हाथियों की लोकेशन खुरसा गांव के आसपास बताई जा रही है। राहत की बात ये है कि अभी तक हाथियों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं किया है।

वन विभाग ने जारी की चेतावनी, अकेले जंगल में जाने से मना किया
फिंगेश्वर वन परिक्षेत्र प्रभारी ने बताया कि दो हाथियों का दल क्षेत्र में विचरण कर रहा है। दोनों हाथी सूखा नदी के रास्ते बिडोरा और सरकड़ा गांव की तरफ निकल गए। ग्रामीणों के शोर शराबा करने के कारण हाथी दोबरा वापस आए और खुरसा की ओर निकले हैं। फिलहाल दोनो हाथी फिलहाल यही डेरा जमाए हुए है। हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। लोगो को भी सचेत किया गया है। अकेले जंगल में जाने से मना किया जा रहा है।

10 दिन पहले धान खरीदी केंद्र में घुसकर चौकीदार को मार दिया था
इससे करीब 10 दिन पहले 2 मार्च की रात दोनों हाथी फिंगेश्वर स्थित कुंदेल भांठा धान खरीदी केंद्र में घुस गए थे। इस दौरान हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया और एक चौकीदार को भी मार डाला था। हाथिायों ने उसके शव के टुकड़े कर दिए थे। इस दौरान बाकी चौकीदारों ने भागकर अपनी जान बचाई थी। सुबह होने पर चौकीदार का शव बरामद हो सका था। हालांकि तब हाथियों की संख्या का पता नहीं चल सका था।

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