कांकेर: जिले के पखांजूर में परलकोट डैम से 41 लाख लीटर पानी बहाने वाले वाले फूड इंस्पेक्टर को जल संसाधन विभाग ने अब 53 हजार रुपए हर्जाना जमा करने के आदेश दिया है। SDO जल संसाधन ने यह आदेश जारी किया है। फूड इंस्पेक्टर को 10 दिनों के अंदर ये राशि दमा करने के लिए कहा गया है।
हालांकि पहले 21 लाख लीटर पानी बहाने की बात की जा रही थी। लेकिन जारी पत्र में 4104 घन मीटर पानी बहाने की बात की गई है बता दें कि फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने अपना एक लाख रुपए का मोबाइल पिकनिक मनाने के दौरान डैम में गिरा दिया था और उसे निकालने के लिए डैम में पंप लगाकर 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया था।
नोटिस में कहा गया है कि 21 मई को परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर में भरे पानी में मोबाइल गिरने के बाद बिना विभाग के सीनियर अधिकारी की अनुमति के बिना डीजल पंप लगाकर पानी निकाला गया। अपने स्वार्थ के लिए 4,104 घन मीटर पानी बेकार बहाया गया। जिसका विभाग के जल दर के अनुसार चार्ज 10.50/प्रति घनमीटर की दर से 43,002 रुपए और बिना अनुमति के जल व्यर्थ पर दंड राशि रुपए 10 हजार/कुल राशि 43000 रुपए/+10,000/रु 53092 निर्धारित की जाती है, जिसे 10 दिन के अंदर जमा करना है।
SDO जल संसाधन ने यह आदेश जारी किया है।
ये है पूरा मामला
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास तब चर्चा में आ गए, जब 21 मई को दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के दौरान उनका एक लाख का मोबाइल परलकोट डैम में गिर गया था। अफसर ने अपना मोबाइल ढूंढने के लिए पंप लगाकर 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। इससे डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। पूरी मशक्कत के बाद राजेश को मोबाइल मिल गया, हालांकि वो ऑन नहीं हुआ। पूरा मामला सामने आने के बाद उन्हें कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने सस्पेंड कर दिया है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
निलंबित फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को है महंगी गाड़ियों का शौक।
अफसर ने कहा था-धोखे में रखकर पानी बहाया
शिकायत के बाद सिंचाई अफसर मौके पर पहुंचे और पानी निकालना बंद करवाया, लेकिन तब तक 6 फीट पानी निकल चुका था। यह तकरीबन 21 लाख लीटर होता है। सिंचाई विभाग के एसडीओ आरसी धीवर का कहना है कि उन्हें धोखे में रखकर इतना पानी बहाया गया। उधर, फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास दलील दी कि फोन में विभागीय जानकारी थी, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा। अब फोन बंद हो गया है।
फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का सस्पेंशन ऑर्डर।
डॉ रमन सिंह ने साधा था निशाना
इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने निशाना साधते हुए कहा था कि भूपेश बघेल सरकार में अधिकारी राज्य को अपनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है, वहीं अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लाखों लीटर पानी बहा रहे हैं, जितने पानी में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।
धूप थी इसलिए अधिकारी ने जहां पर पंप लगा था, वहीं छतरी लगवा दी, जिससे कर्मचारी आसानी से पानी निकालने का काम कर सकें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया पलटवार
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अपने पद का दुरुपयोग करने का अधिकार नवा छत्तीसगढ़ में किसी को नहीं है। जिस अधिकारी ने ये काम किया है, उसे निलंबित किया जा चुका है। वो दौर बीत गया, जब लोग सत्ता में बैठकर फर्जी राशन कार्ड बनाते थे और अपने बेटे का खाता ‘पनामा’ में खुलवाते थे।