BILASPUR: बिलासपुर में स्कूल और शादी घर संचालक को जमीन विवाद के चलते गुडों से पिटवाने से परेशान होकर पिता ने फांसी लगा ली। इस केस में सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने फरार कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर को गिरफ्तार किया है। इस दौरान आरोपी की गिरफ्तारी और उसे हथकड़ी लगाने का विरोध करते हुए पिता और परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। फिर भी पुलिस ने आदतन अपराधी का जुलूस निकाला। घटना करीब ढाई माह पहले की है, जिस पर पुलिस ने अब कार्रवाई की है। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
दयालबंद मधुबन रोड निवासी छेदीलाल कश्यप (68) का मकान है और वे मधुबन रोड स्थित शिखा वाटिका व शिखा पब्लिक स्कूल के संचालक थे। बीते 24 मार्च को उनकी लाश नवनिर्मित मकान में फांसी पर लटकती मिली थी। जांच के दौरान पुलिस ने उसके पास से सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसके आधार पर पुलिस ने उसके बड़े बेटे विक्रम कश्यप-बहू पूनम कश्यप व आदतन बदमाश ऋषभ पनिकर के खिलाफ जुर्म दर्ज किया था।
बेटा-बहू व बदमाशों की प्रताड़ना से तंग आकर स्कूल संचालक ने की थी खुदकुशी।
पहले ही गिरफ्तार हो चुका है बेटा
आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें सुसाइड नोट को पुलिस ने आधार बनाया। इस मामले में आरोपी बेटा विक्रम कश्यप को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
सुसाइड नोट में लिखा गुंडों से पिटवाया, 12.50 डिसमिल जमीन दी
मृतक छेदीलाल से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि आज मैं जीवन का अंत करने जा रहा हूं। मैं अपने लड़के विक्रम कश्यप (विक्की) से बहुत ज्यादा त्रस्त परेशान हो गया हूं। मैं दो साल से डिप्रेशन में हूं, इसलिए मैंने मरने का फैसला कर लिया है। 2020 में शिखा वाटिका में मेरे गैर हाजिरी में दो कमरों का ताला तोड़कर विक्रम व पूनम पानिकर ने कब्जा कर लिया था।
सिटी कोतवाली पुलिस ने मजिस्ट्रेट के आदेश पर इसे खाली कराया था। इसी दौरान विक्रम व पूनम ने मुझे गुंडों से पिटवाया था। कुछ दिनों के बाद विक्रम शिखा वाटिका में चार गुंडों को लेकर आया। ऋषभ पानिकर और अन्य जिनको मैं नाम से नहीं जानता। मुझे फिर विक्रम कश्यप ने धमकी दी। विक्रम को पूनम के परिवार वाले संजय पानिकर के लोग सपोर्ट करते हैं।
आदतन अपराधी ने तलवार के साथ सोशल मीडिया में तस्वीर किया था वायरल।
सुसाइड नोट में उन्होंने आगे लिखा- 2014 में विक्रम की सहमति से अपनी जमीन पर मकान बनवा कर उसके रहने की व्यवस्था की, क्योंकि मुझे पांच वर्षों से उसके घर का किराया और अन्य खर्च के लिए पैसे देने पड़ते थे। सन् 2016 में मकान तैयार हो गया और हैंडओवर कर दिया, जब से आज दिनांक तक उस मकान में रहने नहीं गया। उस मकान को किराए पर देकर कमाई करने लगा। उसके बाद 2019 तक आए दिन पैसों की मांग करता था, जबकि वह खुद तारबाहर में मोबाइल दुकान चलाता था और और किसी बहाने से पैसे लेने आ जाता था। विक्रम ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था कि शिखा वाटिका में उसका भी हक व हिस्सा है।
लोगों में भय पैदा करने पिस्टल के साथ खिंचाई थी तस्वीर।
जमीन विवाद के चलते व्यापारी पर किया था जानलेवा हमला
दयालबंद निवासी ऋषभ पनिकर आदतन अपराधी है। इससे पहले भी जमीन विवाद के चलते तोरवा में व्यापारी पर जानलेवा हमला किया था, जिस मामले में पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। तीन महीने तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर छूट गया था।
अब पुलिस गिरफ्त में आया फरार बदमाश।
प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर मां-बेटे का किया था अपहरण
तीन माह पहले भी ऋषभ पनिकर ने जमीन विवाद के चलते ही दयालबंद निवासी मां-बेटे का अपहरण कर बंधक बनाकर मारपीट की थी। उसने प्रॉपर्टी डीलर नरेंद्र मोटवानी के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था। इस केस में भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर पर विवादित जमीन को ठेका लेकर खाली कराने का आरोप है। उसके आतंक से लोग परेशान रहते हैं।
पुलिस ने पहनाई हथकड़ी तो परिजनों ने किया विरोध
फरार आरोपी ऋषभ पनिकर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे थाने लेकर पहुंची। इसकी जानकारी मिलते ही परिजन थाना पहुंच गए। उन्होंने हथकड़ी लगाने का विरोध करते हुए हंगामा मचाने लगे। इसके बाद भी पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और आरोपी का हथकड़ी के साथ शहर में जुलूस निकाला और जेल पहुंचाया।