गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में 5 हाथियों का दल जमकर उत्पात मचा रहा है। मंगलवार रात हाथियों का दल मरवाही रेंज के सिवनी के घुसरिया गांव में घुस गया और फसलों को रौंद डाला। साथ ही कई घरों को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।
मंगलवार देर रात हाथियों के इस दल ने 5 किसानों के खेतों में लगी सब्जियों और अन्य फसल को बर्बाद कर दिया है। हाथियों का यह दल 15 दिन पहले कोरबा जिले की सीमा से यहां पहुंचा था। हाथी अब तक करीब 50 किसानों की फसल और घरों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। वहीं मरवाही में रेंजर नहीं होने और यहां का प्रभार पेंड्रा रेंजर के पास होने के कारण वन विभाग के आला अधिकारियों तक ग्रामीणों के द्वारा सूचना नहीं पहुंच पा रही है। वन विभाग के कर्मचारी केवल हाथियों की मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं।
मंगलवार रात हाथियों का दल गांव में घुस आया।
मरवाही में साल 2014 से हाथियों की आवाजाही शुरू हुई है। कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल से लेकर मनेंद्रगढ़ वन मंडल और पड़ोसी राज्य अनूपपुर जिले के अनूपपुर वन मंडल क्षेत्र सहित पेंड्रा से सटे अचानकमार टाइगर रिजर्व तक हाथी विचरण करते हैं। यहां सर्वाधिक 63 हाथियों का दल पहुंचा था, जो टुकड़ों में बंट गया है। जिसमें से 23 हाथियों का दल साल 2022 में यहां आया था। इसके बाद इस दल के भी विभाजन हुए और फिलहाल 5 हाथियों का यह दल मरवाही में है। करीब दो दर्जन हाथियों का दल कटघोरा वन मंडल और एक दर्जन हाथियों का दल कोरिया जिले में अलग-अलग स्थानों पर मौजूद है।
हाथियों ने फसलों को रौंद डाला।
वन विभाग की ओर से नुकसान का आकलन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के कारण मुआवजा देने का काम प्रभावित हो रहा है। लगातार हाथियों की मौजूदगी जहां चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं वनमंडल के आला अधिकारी ग्रामीणों की सूचना की अनदेखी कर रहे हैं। कुछ वनकर्मी जरूर हाथी मित्र दल की मदद से ग्रामीणों को हाथियों के पास नहीं जाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। हालांकि लोग वन विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज कर रहे हैं। अक्सर हाथियों का वीडियो बनाते हुए लोग दिख जाते हैं।