बालोद: जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य विभाग में लगाई गई गाड़ियों के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा शासकीय वाहन का निजी उपयोग ऑफिस समय के बाद किया जा रहा था। इस मामले में बीएमओ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अगर सरकारी वाहन का दुरुपयोग किया गया है, तो ये गलत है, जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पूरा मामला स्वास्थ्य विभाग का है। यहां सीएमएचओ ऑफिस में पदस्थ लेखापाल रोहित शर्मा ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के लिए किराए पर ली गई गाड़ी को अपने निजी काम के लिए मंगलवार शाम 6 बजे कार्यालय से बुलवाया। उनका मकान बालोद शहर के मरार पारा में है, जहां गाड़ी खड़ी करके उसमें सामान डाला जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, रोहित शर्मा के परिवार को उसी गाड़ी से दुर्ग रेलवे स्टेशन जाना था।
लेखापाल रोहित शर्मा द्वारा सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग का मामला सामने आया है।
इस बारे में बीएमओ ऑफिस में पदस्थ लेखापाल नीलम कुमार सोनवानी का कहना है कि लेखापाल रोहित शर्मा ने ये कहकर गाड़ी मंगवाई थी कि उन्हें कहीं दौरे पर जाना है, लेकिन जब मौके पर जाकर देखा गया, तो उनके परिवार वाले सामान भरकर दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जाने की तैयारी कर रहे थे। इधर मीडियाकर्मियों को भी लंबे समय से स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी के दुरुपयोग की खबर मिल रही थी, तो वे भी मौके पर ही मौजूद थे। मीडिया को देखते ही गाड़ी को वापस भेज दिया गया।
नीलम कुमार सोनवानी ने बताया कि जिस गाड़ी को मंगवाया गया था, वो बीएमओ ऑफिस की गाड़ी है। उन्होंने बताया कि गाड़ियां बालोद ब्लॉक में चलती हैं, लेकिन इसका भुगतान जिले से होता है। दो टीम है, दोनों टीम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत काम करती है। जिस आरबीएसके के वाहन को ले जाया गया था, उस वाहन का क्रमांक सीजी 08 एआर 8890 है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन सेवार्थ लिखा हुआ है।
बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंगनबाड़ी में जाने वाली गाड़ी
ये गाड़ी बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आंगनबाड़ी में जाने वाली गाड़ी है। इसमें डॉक्टर भी दौरा करते हैं। बता दें कि बालोद शहर के मरार पारा में सरकारी गाड़ी लग गई थी और सामान भी भरा जा चुका था। रोहित शर्मा का परिवार उसमें सवार होने वाला था, लेकिन जब गाड़ी की तस्वीरें ली जाने लगीं, तो वाहन से सभी सामान को उतारा गया और वाहन को वापस भेज दिया गया।
इधर बीएमओ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं मामले की पूरी जानकारी लूंगा। अगर सरकारी वाहन का दुरुपयोग किया गया है या किया जाता है, तो यह गलत बात है। मामले की जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।