सूरजपुर: कलेक्टर एवं अध्यक्ष जल जीवन मिशन संजय अग्रवाल ने आज जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीईओ सुश्री लीना कोसम, कार्यपालन अभियंता, समस्त सहायक अभियंता, समस्त उप अभियंता एवं कार्यरत ठेकेदार उपस्थित रहे। समीक्षा बैठक में कार्यपालन अभियंता एवं सदस्य सचिव जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के द्वारा कलेक्टर ने जल जीवन मिशन योजनान्तर्गत जिले के 544 ग्रामों में 176383 परिवारों को वर्ष 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन निर्धारित लक्ष्य की प्रतिपूर्ति समयावधि में पूर्ण करने के संबंध में अद्यतन की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत कराया गया। वर्तमान में 543 ग्रामों की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही करते हुये 450 ग्रामों के कार्यादेश जारी किये गये है। कलेक्टर ने जीवन मिशन योजना को महत्व एवं कार्य मिशन मेड करने के संबंध में बताया गया। तत्पश्चात उपस्थित समस्त ठेकेदारों से एक-एक कर प्रत्येक अनुबंधकर्ता फर्म से उनको आबंटित उच्चस्तरीय टंकी की समीक्षा की गयी तथा वर्षा प्रारंभ होने से पूर्व 30 जून 2023 तक अनिवार्य टंकी निर्माण कार्य ग्राउन्ड लेवल तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। साथ ही ग्रामों में बिछाई जा रही पाईप लाईन कार्य अंतर्गत पाईप की गहराई कम से कम 1 मीटर रखी जाये यह ठेकेदार सुनिश्चित करें। कलेक्टर द्वारा समीक्षा के दौरान उपस्थित अभियंताओं को कार्य निर्धारित मापदण्ड अनुसार गुणवत्तायुक्त कराया जाये। यदि कही पर गुणवक्ताविहिन कार्य पाये जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। पॉलीटेक्निक के प्राचार्य से चर्चा कर सिविल शाखा के छात्रों को अवकाष प्रशिक्षण के दौरान जल जीवन मिशन अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों की मानीटरिंग इत्यादि में उपयोग किया जाये। बैठक में पूर्ण योजनाओं के संचालन संधारण हेतु ग्राम पंचायत स्तर से पंप ऑपरेटर अनिवार्य नियुक्त करने एवं उनके मानदेय के संबंध में पंचायत स्तर पर कार्यवाही किये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को सुझाव दिया गया। इसके अतिरिक्त कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर के तकनीकी अमला के सहयोग से सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश दिये गये। कलेक्टर द्वारा पुनः निर्देश दिये गये कि कार्य को गुणवत्तापूर्वक एवं समय-सीमा के अंतर्गत पूर्ण कराने हेतु अनुबंधित फर्मों की सतत् समीक्षा बैठक एवं कार्यों की मानीटरिंग किया जाये। यदि किसी अनुबंधित फर्म के द्वारा समय-सीमा के अंतर्गत समानुपातिक प्रगति नहीं पाई जाती है, तो उनके विरूद्ध अनुबंध के नियमानुसार तत्काल अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही की जाये।