Thursday, October 3, 2024




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जल्द पूरा होगा सफर: अब नागपुर से दुर्ग तक 130 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, अंतिम ट्रायल के बाद रेलवे ने दी हरी झंडी…

फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

  • जून तक दुर्ग-रायपुर और बिलासपुर के बीच भी यही स्पीड

रायपुर/ नागपुर से बिलासपुर के बीच 411 किमी लंबे सेमी हाईस्पीड कॉरीडोर का पहला चरण पूरा हो गया और इसी के साथ नागपुर से दुर्ग के बीच अब ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा सकेंगी। अंतिम ट्रायल के बाद सीआरएस (कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी) ने इस रफ्तार को हरी झंडी दे दी है। यह चरण डोंगरगढ़ से राजनांदगांव तक करीब 32 किमी रेललाइन पर 130 किमी की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर पूरा किया गया है, जो फाइनल ट्रायल था।

यही नहीं, दुर्ग से रायपुर होकर बिलासपुर तक 140 किमी के हिस्से में भी काम चल रहा है और जून तक यहां का ट्रैक भी 130 की रफ्तार से ट्रेन चलने लायक हो जाएगा। अभी नागपुर से बिलासपुर के बीच औसतन 90 किमी की रफ्तार से ही ट्रेनें चल रही हैं। लॉकडाउन की वजह से रेलवे ने नागपुर से दुर्ग-रायपुर होकर बिलासपुर तक सेमी हाईस्पीड कॉरीडोर तैयार करने का काम तेजी से पूरा किया है। इसकी कुल लंबाई 411 किमी है।

अगर नागपुर से बिलासपुर तक 130 की गति से ट्रेन चलने लगेंगी तो रायपुर-नागपुर की दूरी सामान्य एक्सप्रेस ट्रेनों में ही सवा घंटे कम हो जाएगी। अभी साढ़े 4 से 5 घंटे लगते हैं, जो घटकर साढ़े 3 घंटे हो जाएगा। इसी तरह, रायपुर से बिलासपुर के बीच जहां लगभग पौने 2 घंटे लगते हैं, बढ़ी हुई रफ्तार से ट्रेनें चलने लगीं, तो सवा घंटा ही लगेगा। अफसरों ने बताया कि इस ट्रैक पर रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे जल्दी ही कॉशन जारी करनेवाला है।

20-25 किमी तक ज्यादा स्पीड
रेलवे अफसरों के मुताबिक सेमी हाईस्पीड कारीडोर पर ट्रेनों की गति 20 से 25 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाई जाएगी। पहले उन ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, जिनमें एलएचबी कोच लगे हैं, क्योंकि ये बोगियां अासानी से 130-140 की रफ्तार से चल सकती हैं। 130 का ट्रायल इस ट्रैक पर कामयाब रहा तो यहीं राजधानी व दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों की गति 160 तक कर दी जाएगी।

नागपुर-बिलासपुर दिसंबर तक
दुर्ग से रायपुर होते हुए बिलासपुर तक 145 किमी रेललाइन अपग्रेड की जा रही है। इसे सेमी हाईस्पीड कारीडोर में बदलने की डेडलाइन दिसंबर 2021 है। अफसरों ने बताया कि पिछले महीने से नागपुर से दुर्ग के बीच पटरियों पर 130 किमी प्रति घंटे की गति से कई ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। 24 एलएचबी कोच वाली ट्रेनों का ट्रायल सफल रहा है। ट्रायल के दौरान ही नागपुर से दुर्ग पहुंचने में एक घंटा कम लगा है।

अभी स्पीड यहां काफी कम
कोरोना संक्रमण के कारण रायपुर से चार जोड़ी ट्रेनें गुजर रही हैं, बाकी बंद हैं। अभी यहां ट्रेनों की स्पीड 70-100 किमी प्रतिघंटा ही निकल पा रही है। पटरियों को मजबूत करने के लिए इस ट्रैक पर काफी स्लीपर बदले हैं, पटरियों की डीप स्क्रीनिंग का काम भी चल रहा है। कर्व वाली लाइन भी अपग्रेड हो रही है। पटरियों के किनारे बेरिकेड लग रहे हैं। रायपुर रेलमंडल में ही 40 किमी बेरिकेडिंग हो चुकी है।

ऐसे बना हाईस्पीड काॅरिडोर
ऐसा पहली बार हुआ है जब एक रेलपांच 260 से 350 मीटर तक है, यानी एक किमी में बमुश्किल तीन ज्वाइंट। पटरियां जोड़ने ऐसी तकनीक इस्तेमाल की गई, ताकि सिकुड़ने व फैलने से ट्रैक को हानि न हो। राजनांदगांव से डोंगरगढ़ के बीच 26 नए पुल-पुलिया बनाई गई हैं। यहां काम करने वाली एजेंसी बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर के एमडी जगदीप बंसल ने बताया कि तीसरी लाइन इस तरह डिजाइन की गई है, ताकि ट्रेनें सुरक्षित तेज चल सकें।

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