अंबिकापुर: अंबिकापुर सेंट्रल जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के कपड़े उतरवाने और उनके साथ अश्लील हरकत करने की शिकायत के मामले में राज्य महिला आयोग ने सख्त रुख दिखाया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मामला बेहद गंभीर है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने जांच के लिए 2 सदस्यीय टीम का गठन किया है। उन्होंने 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. किरणमयी नायक ने 2 सदस्यीय टीम को घटनास्थल पर पहुंचकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। टीम में राज्य महिला आयोग की सदस्य नीता विश्वकर्मा और अर्चना उपाध्याय शामिल हैं।
अंबिकापुर सेंट्रल जेल प्रबंधन पर लगे गंभीर आरोप।
इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक सरगुजा को 7 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट आयोग को प्रेषित करने के लिए कहा गया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है। अगर ऐसी घटना वास्तव में हुई है, तो इस पर आयोग सख्त कार्रवाई करेगा।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक।
ये है पूरा मामला
अंबिकापुर सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाए जाने का सनसनीखेज आरोप एक युवक ने लगाया है और इसकी शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से की है। उसने कहा है कि उसकी मौसी ने जेल में हो रहे इस हरकत की बात उसे और उसके परिवार को बताई है।
मानव अधिकार आयोग से युवक ने शिकायत की है।
जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल जेल में बंद महिला बंदियों से अमानवीय व्यवहार किए जाने की शिकायत कमलेश कुमार साहू ने की है। कमलेश ग्राम मुड़ेसा का रहने वाला है। उसने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, गृह विभाग के सचिव, जेल विभाग के महानिदेशक, सरगुजा कलेक्टर और केंद्रीय जेल के अधीक्षक से शिकायत करते हुए जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हर महीने पैसे देने होते हैं
युवक ने कहा कि उसकी मौसी पिछले 6 महीने से एक मामले में केंद्रीय जेल में है। वो और उसका परिवार मौसी से मिलने समय-समय पर सेंट्रल जेल जाता रहता है। उसकी मौसी ने बताया कि जेलर ममता पटेल और महिला जेल प्रहरी मेरी मारग्रेट को हर महीने पैसे देने पड़ते हैं। अगर किसी महिला बंदी द्वारा रुपए देने से मना किया जाता है, तो अधिकारी और जेल प्रहरी उसके साथ अमानवीय व्यवहार करती हैं।
वे महिला नंबरदारों से महिला बंदियों के कपड़े उतरवाकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं। उनके साथ अश्लील और गंदी हरकत की जाती है। यही नहीं महिला अधिकारी इसका वीडियो अपने मोबाइल पर बना लेती है। वो उसे अन्य लोगों को वीडियो शेयर कर देने की धमकी देती है। युवक ने कहा कि उसकी मौसी से भी रुपए मांगे गए हैं। मौसी ने परिवार को बताया कि उसे प्रताड़ित न किया जाए, इसलिए पैसे दे दिए जाएं, नहीं तो वो शांति से रह नहीं पाएगी और उसे ठीक से खाना भी नहीं मिल पाएगा।
जांच की मांग
शिकायत में युवक ने कहा कि उसकी मौसी से जो गुनाह हुआ है, उसकी सजा तो उसे मिलेगी, लेकिन जेल में महिला बंदियों से ऐसा कृत्य मानव अधिकार का उल्लंघन है। उसने मामले की जांच की मांग की है।
मेरे पास नहीं आई है शिकायत
इधर सेंट्रल जेल अधीक्षक योगेश सिंह ने कहा था कि मेरे पास ऐसी शिकायत नहीं आई है, अगर किसी को शिकायत करनी है, तो मेरे पास आकर करे। उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि जेल में मोबाइल सभी के लिए प्रतिबंधित है।