नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई को मानहानि मामले में राहुल गांधी को मिली 2 साल की सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद शाम को राहुल कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। कहा- आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, सच्चाई की जीत होती है। मेरा रास्ता तो क्लीयर है। मुझे क्या करना है, मेरा का क्या काम है, मुझे इसकी क्लैरिटी है। जिन लोगों ने मदद की, जनता ने जो सपोर्ट किया, उसका शुक्रिया। थैंक्यू…।
खड़गे बोले- संविधान जिंदा है, डेमोक्रेसी की जीत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सारे लोग खुश हैं। अक्सर ऐसा होता है कि हमारी बातें निगेटिव जाती हैं, कभी पॉजिटिव भी होती हैं। मैं सु्प्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं। अभी संविधान जिंदा है। न्याय मिल सकता है। सिर्फ राहुल गांधी की जीत नहीं है, भारत की जनता और डेमोक्रेसी की जीत है। इससे बहुत बड़ा फायदा देश को हुआ है।
जो व्यक्ति सच्चाई, देश के हित, देश में मजबूती लाने के लिए, बढ़ती महंगाई के लिए लड़ता है, जो व्यक्ति लोगों को जागृत करने के लिए कन्याकुमारी से चलकर कश्मीर से चलते हुए डॉक्टर, इंजीनियर, किसान, मजदूरों से मिले। ये सब उनकी दुआओं का नतीजा है।
राहुल गांधी को हटाने के लिए 24 घंटे में सब कुछ हुआ। अब देखना है कि उनकी दोबारा सांसदी कब बहाल होती है। रात में रीइंस्टेट (बहाल) करते हैं या अभी करते हैं, हम इसका इंतजार करते हैं।
मोदी सरकार भले ही बाहर ना बोलें, अंदर तो बोल ही रहे होंगे कि ये क्या हुआ। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वायनाड (राहुल के संसदीय क्षेत्र) के लोग भी खुश होंगे।
कांग्रेस दफ्तर में जश्न मनाते समर्थक। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में मिली 2 साल की सजा पर रोक लगा दी।
3 घंटे सुनवाई चली, राहुल सत्र में हिस्सा ले सकेंगे
कोर्ट ने उन्हें नसीहत भी दी कि भाषण के वक्त उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। इस फैसले के बाद राहुल गांधी संसद सत्र में हिस्सा ले सकेंगे। उनकी सांसदी भी बहाल होगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में 3 घंटे बहस चली। सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने की। राहुल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्णेश मोदी की तरफ से महेश जेठमलानी ने दलीले दीं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल का ट्वीट
राहुल ने लिखा- मेरी जिम्मेदारी वही रहेगी। आइडिया ऑफ इंडिया की रक्षा करता रहूंगा।
राहुल मानहानि केस में क्या हुआ?
- राहुल को गुजरात के सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते राहुल की सांसदी चली गई थी।
- इसके बाद राहुल ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्हें वहां भी राहत नहीं मिली। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में दो साल की सजा बरकरार रखी। आखिर में 15 जुलाई को राहुल ने सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।