Friday, March 29, 2024
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छत्तीसगढ़ की डराने वाली तस्वीरें: बेड नहीं मिल रहा तो बेंच पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर बैठ रहे कोरोना मरीज, जिम्मेदार मंत्री-अफसर फॉन्फिडेंस में बोल रहे- सब कंट्रोल में है…

तस्वीर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के कोविड वार्ड के बाहर की है। - Dainik Bhaskar

तस्वीर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के कोविड वार्ड के बाहर की है।

रायपुर/ रायपुर शहर में पिछले 24 घंटे में 3,797 नए मरीज मिले हैं। 42 लोगों की मौत हुई है। अब राजधानी में एक्टिव मरीज 21 हजार 329 हैं। रविवार को प्रदेश के सबसे बड़े अंबेडकर अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया। लेकिन, यहां जो देखने को मिला वो आपको डरने के लिए मजबूर कर देगा। यहां कोविड वार्ड में ऑक्सीजन बेड फुल हो चुके हैं। मरीज कैंपस में रहने के लिए मजबूर हैं। ये हालत तब है जब राज्य सरकार कोविड पर 830 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

फोटो रायपुर के अंबडेकर अस्पताल की है। यहां वे मरीज हैं जिनकी हालत गंभीर है, जो सांस ठीक से नहीं ले पा रहे हैं।

फोटो रायपुर के अंबडेकर अस्पताल की है। यहां वे मरीज हैं जिनकी हालत गंभीर है, जो सांस ठीक से नहीं ले पा रहे हैं।

अंबेडकर अस्पताल की तरफ से इन मरीजों से कह दिया गया है कि बेड खाली होने पर इन्हें बेड दिया जाएगा। बाहर करीब 10 मरीज ऐसे पड़े हुए हैं, जिनकी स्थिति गंभीर है। कुछ को स्ट्रेचर पर लेटाकर रखा गया है तो कुछ कुर्सियों पर बैठे हैं। एक बुजुर्ग को स्ट्रेचर नसीब नहीं हुआ तो बेंच पर ही बैठ गया। इस मरीज की दशा असल में उन सारे सरकारी दावों की पोल खोल रही थी, जिसमें मंत्री और अफसर पूरे कॉन्फिडेंस से कह देते हैं कि सब कंट्रोल में है।

एक-एक कर शवों को बाहर निकाला गया। ये उन लोगों के शव हैं जिनकी मौत कोरोना संक्रमित रहते हुए हुई।

एक-एक कर शवों को बाहर निकाला गया। ये उन लोगों के शव हैं जिनकी मौत कोरोना संक्रमित रहते हुए हुई।

लाशें ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिल रही
रविवार की दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से लेकर 2 बजकर 43 मिनट तक मर्चूरी से 6 शव बाहर निकाले गए थे। ये सभी संक्रमित व्यक्तियों के शव थे। कोविड वार्ड से कुछ कदमों की दूरी पर बने मोर्चरी के पास सुबह से ही कोरोना संक्रमित मृतकों के परिजन शव ले जाने के लिए परेशान से ज्यादा बेबस दिखे। क्योंकि यहां शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के लिए गाड़ियां नहीं मिल रही थीं। एक कर्मचारी से लोग गाड़ियों के बारे में पूछ रहे थे, तो उसने कहा- रुक जाइए, यहां सुबह से लोग इंतजार कर रहे हैं हम क्या करें, गाड़ियां सब गई हुई हैं शवों को लेकर जब गाड़ी आएगी बॉडी दे दी जाएगी।

अफसर फोन बंद करके बैठे
कोविड वार्ड के पास खड़े एक युवक से पूछने पर पता चला कि उनकी मां का देहांत हो गया। सुबह अचानक डॉक्टर्स ने उनकी मौत की खबर परिजन को दी। इसके बाद सारी प्रक्रियाएं पूरी की गईं, अस्पताल की तरफ से कह दिया गया कि बॉडी ले जाने के लिए तहसीलदार की अनुमति लेकर आओ। ये अनुमति कैसी मिलेगी? ये भी किसी ने नहीं बताया। काफी पूछताछ के बाद पता चला कि नायब तहसीलदार एनके सिन्हा की 9 से 13 अप्रैल तक इसी काम के लिए ड्यूटी लगी है। जब फोन पर इनसे संपर्क किया गया तो मोबाइल बंद मिला। दूसरे लोगों से पूछने पर यही पता चला कि कई घंटों से इस अधिकारी का फोन बंद है।

सरकारी वेबसाइट का हाल, जहां बेड की जानकारी मिलनी थी

रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 8 मिनट तक इस साइट का हाल यही रहा। ये बाद में भी अपडेट नहीं हो सकी।

रविवार को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 8 मिनट तक इस साइट का हाल यही रहा। ये बाद में भी अपडेट नहीं हो सकी।

फंड की कमी नही
शनिवार को सरकार की तरफ से दावा किया गया कि गया कि कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक विभिन्न मदों से 853 करोड़ रुपए से अधिक राशि का आवंटन किया है। पिछले एक साल में कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रदेश के 28 जिलों को 73.53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा 300 करोड़ रु. जांच, दवा और दूसरी चीजों के बांटा गया है। 192 करोड़ रू. स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड,185 करोड़ रु. नाबार्ड सहायता, 25करोड़ रू. लोक निर्माण विभाग, 78करोड़ रू.केंद्र-राज्य शामिलाती सहायता के शामिल हैं। शनिवार को ही रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिले को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 4 करोड़ रुपए की राशि दी गई।

अपनी संक्रमित मां की देख-रेख बेटा इस हाल में करने को मजबूर है।

अपनी संक्रमित मां की देख-रेख बेटा इस हाल में करने को मजबूर है।

200 फोन आते हैं रोज
छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत युवा विंग से जुड़े और भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित चिमनानी ने बताया कि कुछ डॉक्टरों से सहयोग हम लोगों तक मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं। मेरे पास हर दिन कम से कम 200 फोन आते हैं। इसके बाद मैं खुद रायपुर के हर प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में कॉल करता हूं। एक भी जगह ऑक्सीजन बेड नहीं मिलते। फिर भी हम बार-बार फोन करके वेटिंग में नंबर लगवाते हैं। कल ही राजेंद्र नगर इलाके के एक प्राइवेट अस्पताल में बात करने पर पता लगा कि वहां 44 वेटिंग है। यानी 44 ऐसे मरीज इंतजार कर रहे हैं जिन्हें ऑक्सीजन बेड की जरूरत है। दो दिनों तक कई बार फोन करने की वजह से 10 में से 1 मरीज को बेड बड़ी मुश्किल से मिल पाता है।

कोविड वार्ड में बुजुर्ग दंपती इस हाल में पहुंचे। इन्हें भी यहां आते ही इंतजार करना पड़ा। तस्वीर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की।

कोविड वार्ड में बुजुर्ग दंपती इस हाल में पहुंचे। इन्हें भी यहां आते ही इंतजार करना पड़ा। तस्वीर रायपुर के अंबेडकर अस्पताल की।

छत्तीसगढ़ में कोरोना
शनिवार रात तक एक साथ 14 हजार 98 नए मरीज मिले। 123 लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई। इनमें से 97 लोगों की जान बीते 24 घंटे में गई है। जबकि 26 मौतों का आंकड़ा सरकार के पास एक सप्ताह की देरी से आ पाया। पूरे प्रदेश में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 85 हजार 860 है। अब तक 4777 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है।

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