- मोहल्ले में मिल रही है निःशुल्क ईलाज-दवाई की सुविधा
रायपुर: राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री दाई दीदी क्लिनिक से महिलाओं को बड़ी राहत मिल रही है। उन्हे छोटी-छोटी तकलीफों के लिए किसी क्लिनिक जाने की आवश्यकता नही होती। अस्पतालों में स्त्री रोग चिकित्सक उपलब्ध ना होने पर भी उन्हे परेशानी नही होती क्योकि उन तक दाई दीदी क्लिनिक के माध्यम से सुविधा पहुंच जाती है। रायपुर में योजना की शुरूआत से लेकर अबतक 789 जगहों पर निःशुल्क शिविर लगाई जा चुकी है। जिससे 53 हजार 553 मरीजों का निःशुल्क ईलाज किया गया। 48 हजार 881 मरीजों को दवाईयों कि वितरण किया गया तथा 12 हजार 145 मरीजों को लैब टेस्ट की सुविधा मिली है। साथ ही ईलाज और दवाईयां दोनो निःशुल्क मिलती है। महिला हितग्राही इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रही हैं।
हीरापुर आरडीए कॉलोनी निवासी अहिल्या देवी बताती हैं कि वे पिछले महीने मंदिर में पूजा करने आयी थी, तब देखी की यहां पर दाई दीदी क्लिनिक की गाड़ी आयी हुयी थी। मैंने डॉक्टर मैडम को बताया की मेरी बेटी बोल नहीं पाती है, जिसको हर महीने मासिक धर्म के दौरान पेट में और शरीर में दर्द के साथ बुखार आता है। यह सुनकर डॉक्टर मैडम ने कहा की आप यहां आकर जाँच करा कर निःशुल्क दवाई ले जा सकते हैं। उसके बाद से मैं हर महीने इस गाडी में आकर अपने बेटी के लिए दवाई ले जाती हूँ जिससे मेरी बेटी अब पहले से ठीक है। वहीं श्रीमती पी.ममता नायडू बताती हैं कि मुझे बी. पी. और शूगर की समस्या है, हमारे क्षेत्र में हर महीने यह दाई दीदी क्लिनिक की गाडी आती है जहां जांच कर दवाई निःशुल्क दिया जाता है और हर समस्या का समाधान होता है। इस से हमारे क्षेत्र के और आसपास के लोगों को काफी सुविधा हो गयी है, जिसके कारण हमें किसी और अन्य डॉक्टरों के पास जाने की जरुरत नहीं पड़ती और पैसे खर्च नहीं होने से हमारी बचत भी हो जाती है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और महिला स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बालिकाओं की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क जांच एवं इलाज करती है। स्लम क्षेत्र में रहने वाली तथा मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो समयाभाव या अन्य कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी परन्तु अब दाई-दीदी क्लीनिक से उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ के माध्यम से मिल रही है।