जशपुरनगर: बजट में सिर्फ 300 रुपए मानदेय बढ़ने से नाराज रसोईया अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। रसोइयों के हड़ताल पर जाने की वजह से सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाला कोई नहीं है। कई स्कूलों में शिक्षक बच्चों से ही मध्याह्न भोजन बनाने का काम कर रहे हैं।
कांसाबेल ब्लॉक के प्राथमिक शाला जामटोली में मध्याह्न भोजन पकाने के दौरान कुकर फटने की गैस लीकेज से तीन स्कूली छात्र बुरी तरह से घायल हुए हैं। घायल छात्रों को उपचार के लिए कांसाबेल के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक घटना दोपहर करीब 1 बजे की है। प्राथमिक शाला जामटोली में मध्याह्न भाेजन पकाने का काम बच्चों द्वारा किया जा रहा था। इसी दौरान एक बच्चे ने कुकर की सीटी को निकाल दिया। सिटी निकालने के बाद कुकर से प्रेशर से निकले गैस की चपेट में आकर तीन छात्र झुलस गए। बच्चों के रोने व चीखने की आवाज सुनकर प्रधान पाठक मौके पर पहुंचे। आसपास के ग्रामीणों की मदद से बच्चों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।
सीएचसी कांसाबेल में बच्चों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है। घायल बच्चों में राखी धुर्वे पिता सेवक धुर्वे निवासी ग्राम खारपानी, आकाश सिदार पिता पनसाय सिदार और स्वाति सिदार पिता लालू प्रसाद सिदार शामिल हैं। इनमें से एक बच्चे के पैर झुलसा है जबकि दो बच्चों के चेहरे जल गए हैं।
धरनास्थल पर बढ़ी रसोइयों की भीड़, और उग्र होगा आंदोलन
इधर तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे रसोइयों का आंदोलन मजबूत होता दिख रहा है। धरना स्थल पर इस बार सैकड़ों की भीड़ रोजाना जुट रही है। रसोईया संघ के जिलाध्यक्ष हीराचंद यादव का कहना है कि जबतक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है, वह धरने से नहीं उठेंगे। इस बार ग्रामीण भी उनके साथ हैं। इसलिए कोई भी उनकी जगह पर मध्याह्न भोजन पकाने के लिए नहीं जाएगा। रसोइयों की तीन सूत्रीय मांग में रसोइयों को नियमित करने, कलेक्टर दर पर मानदेय और बिना किसी कारण को रसोइयों को हटाने की कार्रवाई बंद करने की मांग शामिल है।
ना शिक्षकों को परवाह, ना अफसरों का स्कूलों पर ध्यान
रसोईयों के हड़ताल पर चले जाने के बाद मध्याह्न भोजन को लेकर अब तक शिक्षा विभाग द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं दी गई है। विभाग की ओर से स्कूलों को सिर्फ इतना आदेश दिया गया है कि मध्याह्न भोजन हर स्कूल में आवश्यक रूप से पकाया जाए। इधर शिक्षक मध्याह्न भोजन के लिए कोई व्यवस्था करने के बजाए बच्चों ही भोजन बनवा रहे हैं। सोमवार और मंगलवार को कई स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया ही नहीं गया है। पर इसकी जांच करने वाले जिम्मेदार अफसर स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं।
घटना के बाद बीईओ पहुंचे जांच में
घटना के बाद कांसाबेल के बीईओ संजीव सिंह स्कूल जांच के लिए पहुंचे थे। बीईओ को दिए बयान में प्रधान पाठक ने बताया है कि मध्याह्न भोजन के लिए उन्होंने गांव की महिलाओं से संपर्क किया था। पर महिलाएं इन दिनों महुआ चुनने के काम में व्यस्त हैं। इसलिए मध्याह्न भोजन पकाने के लिए कोई नहीं मिला। प्रधान पाठक ने कहा है कि मध्याह्न भोजन वह खुद पका रहे थे। जिस वक्त वे दूसरी कक्षा में गए थे, उसी वक्त कुछ बच्चों ने रसोई में पहुंचकर कुकर की सिटी निकाल दी, जिससे यह हादसा हुआ।
शिक्षकों के बयान के बाद जांच प्रतिवेदन ऊपर भेजा जाएगा
^बच्चे मध्याह्न भोजन नहीं पका रहे थे। प्रधानपाठक के बयान के अनुसार वे जब अन्य कक्षा में पढ़ाने गए थे, उस दौरान कुछ बच्चों ने रसोई कक्ष में घुसकर कुकर की सीसी निकाल दी थी। जिससे हादसा हुआ। अभिभावक, गांव के सरपंच व प्रधानपाठक का बयान लेकर जांच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को पेश किया जा रहा है।
“बच्चे मध्याह्न भोजन नहीं पका रहे थे। प्रधानपाठक के बयान के अनुसार वे जब अन्य कक्षा में पढ़ाने गए थे, उस दौरान कुछ बच्चों ने रसोई कक्ष में घुसकर कुकर की सीसी निकाल दी थी। जिससे हादसा हुआ। अभिभावक, गांव के सरपंच व प्रधानपाठक का बयान लेकर जांच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को पेश किया जा रहा है।”
-संजीव सिंह, बीईओ, कांसाबेल