जांजगीर: अपनी सहेली के घर गई किशोरी को अपने रिश्तेदार को चाय देने बहाने बुलाकर उसे 80 हजार रुपए में बेचने वाली आरोपी महिला मंजू तिवारी को पुलिस ने हास्कर अली बैंगलोर से गिरफ्तार किया है, जबकि मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को उत्तरप्रदेश के मथुरा से गिरफ्तार किया था। अभी भी इस पूरे प्रकरण में शामिल तीन अन्य आरोपी फरार है। चांपा थाना क्षेत्र की एक किशोरी अपनी सहेली के पास बिलासपुर गई थी।
जिसे उसकी परिचित महिला ने मथुरा उत्तर प्रदेश के लोगों के पास 80 हजार में बेचकर उसकी जबरन शादी करा दी और उसे मथुरा भेज दिया। किशाेरी ने 26 सितंबर 2021 को अपने घर के लोगों को फोन कर बताया कि उत्तरप्रदेश के मथुरा छाता का रहने वाला हेमकुमार भार्गव उसे शादी का प्रलोभन देकर अपने साथ ले आया है।
एसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर टीम बनाई गई टीम मथुरा पहुंची और आरोपी हेमकुमार भार्गव (30 साल), हरिश भार्गव (28 साल) और राजू भार्गव (48 साल) के कब्जे से पीड़िता का बरामद किया। पीड़िता का बयान लिया गया, जिसमें उसने बिलासपुर की मंजू तिवारी द्वारा बहला फुसलाकर अपने रिश्तेदार को चाय देने के बहाने हेमकुमार भार्गव, हरिश भार्गव, राजू भार्गव व रामबाबू को दिखाने और दूसरे दिन उसे 80 हजार रुपए लेकर हेमकुमार के साथ जयमाला पहना कर शादी कर देने के बाद उसके साथ दुष्कर्म का भी दावा किया। पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर तीन आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया। एक प्रमुख आरोपी महिला मंजू तिवारी को गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पूर्व थाना प्रभारियों की भूमिका उठा सवाल
पीड़िता के पिता ने पिछले साल 26 सितंबर को अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत चांपा थाना में की थी। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार शिकायतकर्ता ने पूरी जानकारी तब थाना में दी थी। इसके बाद भी उस समय के टीआई ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने महिला संबंधित अपराध होने के बाद भी कोई सार्थक पहल नहीं की। यह प्रकरण 11 माह तक लंबित रहा। अब इस प्रकरण में गिरफ्तारी हुई है।
11 महीने लग गए पुलिस को आरोपियों तक पहुंचने में
पीड़िता के पिता ने पिछले साल 26 सितंबर को अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत चांपा थाना में की थी। पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार शिकायतकर्ता ने पूरी जानकारी तब थाना में दी थी। इसके बाद भी उस समय के टीआई ने इस प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने महिला संबंधित अपराध होने के बाद भी कोई सार्थक पहल नहीं की। यह प्रकरण 11 माह तक लंबित रहा। अब इस प्रकरण में गिरफ्तारी हुई है।