Friday, March 29, 2024
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BCC News 24: कोरबा- आवासीय प्रॉपर्टी के बाद अब कमर्शियल प्रॉपर्टी को भी फ्री होल्ड करेगा नगर निगम.. 600 वर्ग फुट या उससे कम की कमर्शियल प्रॉपर्टी ही होगी फ्री होल्ड; बाजार मूल्य का 2.10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा, साथ ही जमा करना होगा 10 साल का किराया

कोरबा (BCC NEWS 24): नगर निगम की आवासीय प्रॉपर्टी के बाद अब कमर्शियल प्रॉपर्टी को भी फ्री होल्ड करा सकेंगे। इसके बाद दुकानों का मालिकाना हक मिल जाएगा। नियम के तहत इसके लिए बाजार मूल्य का 2.10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा। साथ ही 10 साल का किराया जमा करना होगा। इसके आधार पर दुकानें फ्री होल्ड होंगी। निगम क्षेत्र में 51 स्थानों पर 1422 दुकानें हैं, जिसे निगम ने 30 साल की लीज पर दिया है।

फ्री होल्ड होने के बाद दुकान के मेंटेनेंस के लिए स्वतंत्र अधिकार मिल सकेगा। वर्तमान में निगम की निर्भरता है। इस वजह से दुकानें जर्जर होने के बाद मेंटेनेंस भी समय पर नहीं हो पाता। सबसे पुराना कांप्लेक्स पुराना बस स्टैंड का गीतांजलि भवन, टीपी नगर चौक, निहारिका और कोसाबाड़ी चौक की दुकानें हैं। टीपी नगर में बनी दुकानों का भी मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है।

फ्री होल्ड के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। आवेदन का प्रारूप भी तय कर दिया है। सरकार के नियम के अनुसार 600 वर्ग फुट या इससे कम की जगह को ही फ्री होल्ड कर सकते हैं। लोन की स्थिति में बैंक से अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी। कोई विवाद भी नहीं होना चाहिए। इसके अलावा संपत्ति कर, भू-भाटक, जलकर उपभोक्ता प्रभार समेत सभी प्रकार के टैक्स जमा करानी होगी।

अतिरिक्त शुल्क और किराया को समझिए
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रॉपर्टी का बाजार मूल्य तय है। अगर किसी दुकान का बाजार मूल्य 5 लाख रुपए है तो बाजार मूल्य उसका शुल्क 10500 रुपए अतिरिक्त देना पड़ेगा। इसके साथ ही अगर दुकान का किराया 3 हजार है तो 10 साल का किराया 3 लाख 60 हजार रुपए जमा करना होगा।

दुकानों से हर साल 286 लाख किराया

नगर निगम ने अलग-अलग क्षेत्रों में कांप्लेक्स और होटल बनाकर किराए में दिया है। कुल 1422 दुकानें हैं। इनसे हर साल दो करोड़ 86 लाख 47863 रुपए मिलता है, लेकिन हर साल किराया वसूलने के लिए अभियान चलाना पड़ता है। लोग समय पर किराया जमा नहीं करते इसलिए बकाया 2 करोड़ से अधिक है।

योजनाओं से बनी तीन हजार से ज्यादा दुकानें

नगर निगम में 67 वार्ड हैं। शहर के साथ उपनगरीय क्षेत्रों में भी व्यवसायिक कांप्लेक्स बनाए गए हैं। सबसे महंगा टीपी नगर क्षेत्र का शुभदा कांप्लेक्स है। इसके अलावा राजीव स्वावलंबन योजना, स्वर्ण जयंती योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, महिला समृद्धि, वाल्मीकि स्वरोजगार योजना के तहत 3 हजार से अधिक दुकानें हैं।

तय नियमों के तहत शुरू होगी प्रक्रिया

मेयर राजकिशोर प्रसाद का कहना है की कमर्शियल प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने निगम ने ही सबसे पहले प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। राज्य सरकार के नियम के अनुसार फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए आयुक्त से चर्चा करेंगे। ताकि जल्दी प्रक्रिया आगे बढ़े।

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