वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका के 21 सांसदों ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लेटर लिखकर भारत के साथ रिश्ते ठीक करने की मांग की है। यह लेटर सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना ने मिलकर 8 अक्टूबर को भेजा।
उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाने से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अमेरिका की दोस्ती को नुकसान हो रहा है। इससे दोनों देशों को परेशानी हो रही है।
सांसदों ने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ बढ़ता रहा, तो अमेरिकी लोगों को महंगा सामान खरीदना पड़ेगा और कंपनियों को नुकसान होगा। इससे भारत और अमेरिका की दोस्ती को खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रम्प के इस कदम से भारत, चीन और रूस के करीब जा सकता है।
भारत-अमेरिका का अहम व्यापारिक दोस्त
लेटर में कहा गया कि भारत अमेरिका का अहम व्यापारिक दोस्त है। अमेरिकी कंपनियां भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयां और ऊर्जा जैसी चीजें लेती हैं। भारत में निवेश करने से अमेरिकी कंपनियों को वहां के बड़े बाजार में फायदा होता है। साथ ही, भारत के अमेरिका में निवेश से यहां नौकरियां बढ़ रही हैं।
सांसदों ने कहा कि भारत पर 50% टैरिफ लगाना भारतीय कंपनियों और अमेरिकी लोगों, दोनों के लिए नुकसानदेह हैं। इससे अमेरिकी कंपनियों को सामान बनाने और बेचने में दिक्कत हो रही है।
सांसद बोले- भारत और अमेरिका की दोस्ती खास है
सांसदों ने जोर देकर कहा कि अमेरिका और भारत दोनों लोकतंत्र हैं और उनकी दोस्ती खास है। उन्होंने ट्रम्प से अपील की कि भारत के साथ रिश्ते मजबूत करें, क्योंकि यह दोस्ती रणनीति, व्यापार और सम्मान के लिए बहुत जरूरी है।
सांसदों ने कहा-
भारत क्वाड गठबंधन में शामिल है और इंडो-पेसिफिक इलाके में शांति बनाए रखने में मदद करता है। वह चीन के खिलाफ अमेरिका का मजबूत साथी है।
ट्रम्प ने रूसी तेल की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया
ट्रम्प ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है। इसमें से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ रूसी तेल खरीदने की वजह से लगाया है। ट्रम्प का कहना है कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है, इस वजह से पुतिन को यूक्रेन जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह 50% टैरिफ भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।
50% टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70% की कमी आ सकती है।
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की क्या स्थिति है?
भारत और अमेरिका लंबे समय से एक ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। 25 अगस्त को अमेरिकी टीम छठे दौर की बातचीत के लिए आने वाली थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया।
भारतीय अधिकारी सितंबर या अक्टूबर तक एक बड़ा समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पा रही है, जैसे एग्रीकल्च सेक्टर। भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों और डेयरी मार्केट अमेरिका के लिए खोलने को तैयार नहीं है।

(Bureau Chief, Korba)