Sunday, June 22, 2025
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अमेरिका का B-2 बॉम्बर से हमला, 37 घंटे बिना रुके उड़ान भरी, बीच हवा में कई बार फ्यूल भरा, ईरान के 3 परमाणु ठिकानों को तबाह किया

वॉशिंगटन: अमेरिका ने रविवार सुबह ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर B-2 बॉम्बर से हमला किया। ये ठिकाने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ईरान के ये परमाणु ठिकाने पहाड़ को काटकर बनाए गए हैं। ऐसे में इन्हें तबाह करने के लिए B-2 बॉम्बर विमानों की जरूरत थी।

रिपोर्ट के मुताबिक हमला करने से पहले B-2 बॉम्बर विमानों ने अमेरिका के मिसौरी से लगभग 37 घंटे तक बिना रुके उड़ान भरी और बीच हवा में कई बार फ्यूल भरा था।

B-2 बॉम्बर ने फोर्डो साइट पर 30 हजार पाउंड वजन के 6 GBU-57 बम (बंकर बस्टर) गिराए। साथ ही नतांज पर दो बम गिराए। वहीं, इस्फहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी हैं। इन्हें 400 मील दूर अमेरिकी पनडुब्बियों से लॉन्च किया गया था।

यह पहला मौका है जब अमेरिका ने GBU-57 जैसे बंकर बस्टर बम का किसी युद्ध में इस्तेमाल किया है।

ईरान बोला- अमेरिका के हमले से रेडिएशन लीक नहीं हुआ

इजराइल लगातार ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हवाई हमले कर रहा है, जिस पर इजराइल का कहना है कि वे ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना चाहते हैं। हालांकि ईरान ने परमाणु बम बनाने से इनकार किया है।

अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन हमलों से ईरान को कितना नुकसान हुआ है। वहीं, ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने कहा है कि अमेरिका के मिसाइल हमलों के बाद भी फोर्डो, नतांज और इस्फहान में कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ है।

यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के दावों के बाद आया है।

ईरान में अब तक 657, इजराइल में 24 की मौत

इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं।

हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिक के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 21 जून तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।

मिडिल इस्ट में अमेरिकी सैनिक बेस हाई अलर्ट पर

अमेरिका के हमले के जवाब में ईरान ने इजराइल पर मिसाइलें दागीं हैं। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उन्होंने इजराइल पर सबसे बड़ा अटैक किया है और 14 अहम ठिकानों को निशाना बनाया है।

वहीं, ईरान ने अमेरिकी सैनिक बेस और वारशिप को निशाना बनाने की धमकी दी है। मिडिल इस्ट में अमेरिका के 40 हजार से ज्यादा अमेरिकी सैनिक बेस और वारशिप हैं। इन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। दूसरी ओर अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को कहा कि वे ईरान के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं।

ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य जनरल मोहसेन रेजाई ने सरकारी टेलीविजन पर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने की चेतावनी दी है। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज पश्चिम एशिया में एक महत्वपूर्ण जलसंधि है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ती है।

इजराइल ने ईरान के 2 फाइटर जेट्स तबाह किए

इजराइली सेना (IDF) ने कहा है कि उसके एयरफोर्स ने ईरान के दो F-5 फाइटर जेट्स को तबाह कर दिया है। ये फाइटर जेट्स देजफुल एयरपोर्ट पर तैनात थे। इजराइली सेना ने ईरान के 8 बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर्स भी नष्ट करने का दावा किया है।

सेना ने कहा कि इनमें से 6 मिसाइल तुरंत इजराइल पर हमला करने के लिए तैयार थे।

अमेरिका ने ईरान को पहले ही हमले की जानकारी दी थी: रिपोर्ट

अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले की जानकारी एक दिन पहले ही दे दी थी। मीडिल ईस्ट बेस्ड न्यूज वेबसाइट अमवाज मीडिया के मुताबिक ईरान के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका ने हमले से पहले ईरान को एडवांस में नोटिस भेज दिया था।

ईरानी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि 21 जून को ट्रम्प प्रशासन ने ईरान को बताया था कि उसका मकसद ईरान के साथ युद्ध करना नहीं है और वो सिर्फ फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु सुविधाओं पर हमला करने वाला है।

बी-2 बॉम्बर में हवा में फ्यूल भरने की क्षमता

बी-2 बॉम्बर में रीफ्यूलिंग टैंकर फ्यूल भरते हुए।

बी-2 बॉम्बर में रीफ्यूलिंग टैंकर फ्यूल भरते हुए।

बी-2 बॉम्बर (B-2 Spirit Stealth Bomber) में हवा में फ्यूल भरने के प्रोसेस को एयर-टू-एयर रीफ्यूलिंग या इन-फ्लाइट रीफ्यूलिंग कहा जाता है। यह तकनीक लंबी दूरी के विमानों को बिना उतरे हजारों मील तक उड़ान भरने की क्षमता देती है। हवा में फ्यूल कैसे भरते हैं 3 पाॅइंट से समझे :

  • बी-2 को हवा में ईंधन भरने के लिए एक रीफ्यूलिंग टैंकर विमान की जरूरत होती है, जैसे कि KC-135 स्ट्राटोटैंकर या KC-46 पेगासस।
  • टैंकर विमान के पीछे एक टेलीस्कोपिक ट्यूब होती है, जिसे बूम कहा जाता है। इस ट्यूब एक ऑपरेटर कंट्रोल करता है, ये टैंकर के पिछले हिस्से में बूम को बी-2 के ईंधन रिसेप्टेकल में जोड़ता है।
  • बूम के अंत में एक नोजल होता है, जो बी-2 के रिसेप्टेकल में लॉक हो जाता है, और फिर फ्यूल भरा जाता है (लगभग 2 हजार लीटर प्रति मिनट)

Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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