Saturday, July 5, 2025

अमेरिका ने भारत सरकार से मदद मांगी, धोखाधड़ी और रिश्वत से जुड़े मामले में अडाणी को नोटिस देने के तैयारी

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अडाणी के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वत से जुड़े मामले में अमेरिका ने भारत सरकार से मदद मांगी है। अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में बताया कि रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी और सागर अडाणी को नोटिस देने के लिए कोशिश की जा रही है।

SEC ने मंगलवार को कोर्ट में बताया कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी भारत में मौजूद हैं। उन्हें नोटिस देने के लिए हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी है। इसके लिए भारत के विधि और न्याय मंत्रालय से संपर्क करने की बात कही है।

पिछले साल अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप पत्र के मुताबिक अडाणी की कंपनी ने भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट गलत तरीके से हासिल किए। इसके लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपए रिश्वत देने की योजना बनाई।

इसके अलावा आरोपियों ने अमेरिकी इन्वेस्टर्स और बैंकों से झूठ बोलकर पैसा इकट्ठा किया। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ था। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था।

कहीं भी रिश्वत देने की बात नहीं कही गई

आरोप पत्र के मुताबिक यह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिकी न्याय विभाग के डॉक्यूमेंट में रिश्वत ऑफर करने और प्लानिंग की बात कही गई। रिश्वत दी गई, ऐसा नहीं कहा गया है।

20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और ये मामला सबसे सामने आया।

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों आधारहीन बताया था

अडाणी ग्रुप सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। 21 नवंबर को जारी बयान में ग्रुप ने कहा था- ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।’

अडाणी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ की गिरावट आई थी

इस खबर के आने के बाद अडाणी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की कमी आई थी। वहीं केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं।


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