Thursday, August 28, 2025

रूस से ट्रेड करना चाहता है अमेरिका, प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा; रूसी न्यूक्लियर एनर्जी शिप्स खरीदने की भी तैयारी

वॉशिंगटन डीसी: भारत पर रूसी तेल खरीदने की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने वाला अमेरिका खुद रूस से एनर्जी डील करने की कोशिश कर रहा है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ट्रम्प और पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में हुई मुलाकात के दौरान इस डील पर बातचीत हुई थी।

अमेरिकी कंपनी एक्सॉन मोबिल ने रूस के सखालिन-1 ऑयल और गैस प्रोजेक्ट में फिर से शामिल होने और रूस को अमेरिकी इक्विपमेंट बेचने की बात की थी।

यूक्रेन पर 2022 में रूसी हमले के बाद अमेरिका ने रूस के एनर्जी सेक्टर पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिससे रूस को विदेशी निवेश मिलना बंद हो गया। अब अमेरिकी अधिकारी रूस को शांति के लिए राजी करने के लिए कुछ प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका रूस से एटमी एनर्जी से चलने वाले आइस ब्रेकर शिप्स खरीदने का भी सोच रहा है।

अमेरिका पहुंचने पर ट्रम्प ने रेड कार्पेट पर पुतिन का स्वागत किया था।

अमेरिका पहुंचने पर ट्रम्प ने रेड कार्पेट पर पुतिन का स्वागत किया था।

ट्रम्प 15 अगस्त को ट्रेड डील का ऐलान करना चाहते थे

रॉयटर्स ने सूत्र के हवाले से बताया कि व्हाइट हाउस 15 अगस्त को ट्रम्प-पुतिन की अलास्का बैठक के बाद एक बड़े निवेश सौदे का ऐलान करना चाहता था। ट्रम्प को लग रहा था कि यह उनकी जीत होगी, लेकिन 3 घंटे की बैठक के बाद भी कोई बड़ा समझौता नहीं हो पाया।

इससे पहले 6 अगस्त को अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ ने मॉस्को दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और रूसी इन्वेस्टमेंट प्रतिनिधि किरिल दिमित्रिएव के साथ इस मुद्दे पर बात की थी। राष्ट्रपति ट्रम्प को इस बातचीत की जानकारी थी।

मॉस्को में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ से हाथ मिलाते पुतिन।

मॉस्को में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ से हाथ मिलाते पुतिन।

अमेरिका खुद भी रूस के साथ ट्रेड कर रहा

अमेरिका के आरोप है कि रूसी तेल खरीदने की वजह से पुतिन को यूक्रेन जंग जारी रखने में मदद मिल रही है। ट्रम्प ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में मुनाफे के साथ बेच रहा है। भारत को इस बात की कोई परवाह नहीं है कि रूस के हमले से यूक्रेन में कितने लोग मारे जा रहे हैं।

इसके जवाब में भारत ने अमेरिका को याद दिलाया था कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत को रूस से तेल खरीदना पड़ा, क्योंकि उसका पुराने ऑयल सप्लायर यूरोप को सप्लाई करने लगे थे। उस वक्त अमेरिका ने भारत को रूसी खरीदने के लिए बढ़ावा दिया था।

भारत ने बताया कि 2024 में यूरोपीय यूनियन ने रूस के साथ करीब 85 बिलियन यूरो (₹7.65 लाख करोड़) का व्यापार किया। इसी तरह, अमेरिका खुद अपनी न्यूक्लियर इंडस्ट्री के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, इलेक्ट्रिक व्हीकल, इंडस्ट्री के लिए पैलेडियम, उर्वरक और केमिकल इंपोर्ट कर रहा है।

2024 में अमेरिका-रूस के बीच 43 हजार करोड़ रुपए का व्यापार

2024 में अमेरिका और रूस के बीच कुल व्यापार करीब 43 हजार करोड़ रुपए, जो 2023 की तुलना में 25.8% (1.8 अरब डॉलर या 151 अरब रुपए) कम था।

अमेरिका ने रूस को 52.83 करोड़ डॉलर (लगभग 44 अरब रुपए) का माल निर्यात किया। वहीं, अमेरिका ने रूस से 3 अरब डॉलर (लगभग 252 अरब रुपए) का माल आयात किया।

यूक्रेन जंग पर बातचीत के बाद टैरिफ घटा सकता है अमेरिका

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि, अगर रूस के साथ प्रगति होती है तो कुछ देशों पर टैरिफ घटाए जा सकते हैं। जरूरत पड़ी तो और बढ़ाए जाएंगे।

अमेरिका यूक्रेन को ऐसी सुरक्षा गारंटी दे रहा है, जिससे दोबारा रूस हमला न कर सके। अमेरिका रूस और यूक्रेन दोनों से बातचीत की कोशिश कर रहा है, ताकि बीच का रास्ता निकले और युद्ध रुक सके।

रूसी तेल खरीदने से भारत पर एक्स्ट्रा 25% टैरिफ

वहीं, ट्रम्प ने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त यानी आज से लागू हो गया है।

इससे पहले ट्रम्प जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं, अब से भारतीय सामान के आयात पर अमेरिका में 50% टैरिफ देना होगा।

भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है।

पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।



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