बिलासपुर: ईओडब्ल्यू में दर्ज आय से अधिक संपत्ति के केस में पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है। करीब दस दिन पहले कोर्ट ने इस केस में फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर आज आदेश जारी किया गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, सरकार उनकी गिरफ्तारी की तैयारी में थी।
अमन सिंह व उनकी पत्नी ने रायपुर के लोअर कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद हाईकोर्ट की शरण ली थी। बीते 20 मार्च को हाईकोर्ट में सभी पक्षों ने अपना-अपना तर्क दिया। राज्य शासन की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतोदास और सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की ओर से जमानत देने का विरोध किया था। वहीं, याचिकाकर्ता अमन सिंह व उनकी पत्नी की तरफ से जबलपुर के सीनियर एडवोकेट अनिल खरे, अभिषेक सिन्हा व विवेक शर्मा ने लंबी बहस की और बताया कि राज्य शासन राजनीतिक दुर्भावना के तहत काम कर रहा है। जबकि, उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत कर दिया है, जिसमें आय से अधिक संपत्ति का मामला ही नहीं बनता। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने ईओडब्ल्यू को ई-मेल कर पूछा था कि वे बयान के लिए आना चाहते हैं। 6 मार्च को उन्हें बुलाया था। वे सुबह दफ्तर पहुंच गए और रात तक वहां रहे। उनसे 300 पन्नों में सवाल किए गए। उन्होंने सभी के उत्तर भी दिए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज आदेश जारी कर दिया गया है और याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया है।
अमन सिंह व उनकी पत्नी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है।
EOW ने दर्ज किया है आय से अधिक संपत्ति का केस
सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ EOW ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है, जिसे रद्द करने के लिए अमन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने EOW को अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब दे दिया है। फिर भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसे रद्द की जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए ACB और EOW की ओर से दर्ज आपराधिक प्रकरण को निराधार मानते हुए निरस्त करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने किया निरस्त
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य शासन के साथ ही शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की की थी। इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बचाव के लिए अमन सिंह को तीन सप्ताह तक अंतरिम राहत दी है और राज्य शासन को इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा था।