जांजगीर चांपा (Bcc News 24):- जिला महिला एवम बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री विवाह कन्या योजना के तहत जांजगीर के हाई स्कूल मैदान में 75 जोड़ों की सामूहिक शादी की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष श्री चरणदास महंत रहे एवम राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के द्वारा अध्यक्षता की गई।
75 जोड़े बंधे परिणय सूत्र में –
आज आयोजित सामूहिक कार्यक्रम में परियोजना बलौदा से 15 जोड़े, अकलतरा से 15 जोड़े, पामगढ़ से 10 जोड़े, नवागढ़ से 15 जोड़े तथा बम्हनीडीह और जांजगीर से 10-10 जोड़ो का विवाह कराया गया है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 75 जोड़ो में पामगढ़ परियोजना के एक दिव्यागं जोड़े सोनु कुमार रात्रे और नीलम तान्डे का विवाह सहित नवागढ़ परियोजना के पास्टर किशन और निकिता के एक ईसाही धर्म के जोड़े का विवाह उनके धर्म एवं ईच्छानुसार उनके धार्मिक रीति रिवाज में किया गया। आर्थिक तंगी के कारण जो परिवार अपनी बेटियों का विवाह करने में असमर्थ होते हैं या जो लड़कियां अविवाहित रह जाती हैं, ऐसे में उनको अपना जीवन यापन करने में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आरंभ की गई है। इस योजना के माध्यम से कन्या के विवाह के अवसर पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह आर्थिक सहायता अधिकतम ₹25000 है। जिसमे वर- वधु की श्रृंगार सामग्री के लिए ₹5000, अन्य उपहार सामग्री के लिए ₹14000, वधू के बैंक ड्राफ्ट के रूप में ₹1000 तथा सामूहिक विवाह आयोजन पर प्रति कन्या राशि ₹5000 प्रदान की जाती हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि राज्य के किसान, मजदूर, गरीब परिवार सहित अन्य जरूरतमंद लोगों की शादी की चिंता को दूर करने के लिए राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित किया जा रहा है। जिसका लाभ सभी जरूरतमंद लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जरूरतमंदो को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, रीपा जैसे विभिन्न योजना सहित वर्तमान में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा भी की गई है। उन्होंने कहा कि विवाह कार्यक्रम में दहेज लेना और दहेज देना दोनो ही समाजिक बुराई है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी दांपत्य जोड़ो के खुशहाल संपन्नता और बेहतर भविष्य की प्रार्थाना करते हुए उपहार भी भेंट किए।
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सामूहिक विवाह को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि आज जिले में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया है जिसमें सामाजिक, धार्मिक रीति-रिवाज का पालन करते हुए सामूहिक विवाह संपन्न कराया जा रहा है। ऐसे विवाह सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न हो जाती हैं और बेटियों के परिवार पर बोझ भी नहीं पड़ता है। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत विधवा, अनाथ तथा निरीक्षक कन्याओं को भी शामिल किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की बेटियों के विवाह पर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। सरकार की यह योजना ग्रामीण बेटियों के विवाह में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों से बचाती है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 25 हजार रुपए के स्थान पर 50 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की गई है जिसका लाभ आने वाले समय में जरूरतमंद लोगों को मिलेगा।
कार्यक्रम में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और विधायक श्री नारायण प्रसाद चंदेल ने भी वर-वधु के सुखमय जीवन की कामना करते हुए उपहार भी भेंट किये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर कलेक्टर श्री एस पी वैद्य ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए एक वरदान है। आज जिले के सभी 5 विकासखंड से कुल 75 वर-वधु के जोड़े सामूहिक विवाह में शामिल हुए हैं। उन्होंने सभी जोड़ो के सुखमय जीवन की कामना की है। शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से मुख्यमंत्री कन्या विवाह अंतर्गत प्रति कन्या राशि रूपये 25,000 का व्यय का मापदंड निर्धारित किया गया है। विवाह आयोजन व्यवस्था एवं परिवहन पर कुल व्यय 5000 रुपए, उपहार सामग्री पर व्यय 19,000 रूपये, वधु को चेक के माध्यम से 1000 रूपये सहित कुल 25,000 रुपए निर्धारित किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सहयोग राशि को 25 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की घोषणा की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, वर-वधु, जनप्रतिनिधियों सहित सभी ने बाल विवाह रोके जाने ली शपथ –
हाई स्कूल मैदान जांजगीर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, वर-वधु, जनप्रतिनिधियों सहित उपस्थित सभी लोगो ने 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं कराने, बाल विवाह में सम्मिलित न होने और बाल विवाह होता देखे जाने पर इसकी रोकथाम के लिए शासन प्रशासन का सहयोग करने दहेज का लेन-देन न करने तथा सड़क जैसी परिस्थितियों में पाए जाने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास करने की शपथ ली।