- प्रतिषिद्ध मत्स्य से संबंधित गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर शासकीय योजनाओं से किया जाएगा प्रतिबंधित
- प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर एक वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रूपए के दण्ड का प्रावधान
रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन, मछलीपालन विभाग द्वारा प्रदेश में एक्सोटिक मागूर (क्लेरियस गेरीपिनस) एवं बिग हेड ( हाइपोप्थेलमिक्थीस नोबीलीस) मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्य बीज संवर्धन एवं पालन को प्रतिषिद्ध घोषित किया गया है।
इन प्रतिषिद्ध मछलियों का कोई भी मछुआ, वैयक्तिक, समूह या समिति, केंद्र या राज्य शासन द्वारा मत्स्यों का मत्स्य बीज उत्पादन, शासन अथवा वैयक्तिक जलस्रोत में संवर्धन एवं पालन नहीं करेगा। राज्य शासन के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इन मछलियों का परिवहन, आयात एवं विपणन भी प्रतिबंधित किया गया है।
संचालक मछली पालन के द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रतिबंध का उल्लंघन किए जाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ मत्स्य क्षेत्र (संसोधन) अधिनियम 2015 के तहत एक वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रूपए अथवा दोनों से दंडित किया जा सकेगा। राज्य शासन इन प्रतिबंधित मछलियों से संबंधित किसी भी गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर दोष सिद्ध उपरांत संबंधित को मत्स्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सभी प्रकार की योजनाओं से प्रतिबंधित भी किया जाएगा।