बीजिंग: ढाका की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश सरकार चीन से 20 J-10CE फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रही है। इस सौदे की कीमत करीब 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹18,500 करोड़) बताई जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता प्रशिक्षण, रखरखाव और अन्य तकनीकी सेवाओं को भी शामिल करेगा। भुगतान 10 वित्तीय वर्षों में, यानी 2036 तक किस्तों में किया जाएगा। हालांकि, सरकार की ओर से इस सौदे पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने पत्रकारों के सवाल पर कहा, ‘मैं इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। सिर्फ इसलिए कि मुझे कुछ पता है, इसका मतलब यह नहीं कि मैं सब कुछ बता दूं।’

J-10CE फाइटर जेट।
पाकिस्तान के पास मौजूद J-10CE फाइटर जेट
- सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश सरकार ने अक्टूबर 2025 में चीन के J-10CE मल्टीरोल फाइटर जेट की खरीद को मंजूरी दे दी है।
- 20 विमानों की डिलीवरी 2027 तक की जाएगी, जिसकी कुल लागत 2.2 अरब डॉलर (करीब 18,500 करोड़) होगी, जिसमें प्रशिक्षण और स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। भुगतान 10 वर्षों में किया जाएगा।
- जे-10सीई विमान 4.5 पीढ़ी की तकनीक, एईएसए रडार, पीएल-15ई मिसाइल और उन्नत डेटा लिंक से लैस होंगे। इसके साथ बांग्लादेश चीन और पाकिस्तान के बाद तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास यह मॉडर्न पीढ़ी के फाइटर जेट होंगे।
- एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान ने बताया कि सरकार ने मल्टीरोल जेट, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और लंबी दूरी के रडार खरीदने को मंजूरी दे दी है, पर चीन का नाम स्पष्ट नहीं किया।
आधुनिक वायुसेना तैयार कर रहा बांग्लादेश
बांग्लादेश वायु क्षमता में तेजी से वृद्धि कर रहा है और फोर्स गोल-2030 के तहत एक आधुनिक वायुसेना बेड़ा तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। इस पहल की शुरुआत 2009 में हुई थी, पर 2017 के बाद उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिली।
J-10CE चीन के वायुसेना में पहले से ही शामिल है। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एएनएम मुनीरुज्जमान ने मीडिया से कहा कि बांग्लादेश वायुसेना लंबे समय से नए लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘आज की दुनिया में नए-नए रिश्ते बन रहे हैं, इसलिए किसी देश से विमान खरीदने से पहले उसके प्रभावों का विश्लेषण जरूरी है।’ वर्तमान में बांग्लादेश वायुसेना के पास 212 विमान हैं, जिनमें से 44 लड़ाकू विमान हैं। इनमें 36 चीनी F-7 जेट, 8 रूसी MiG-29B, और कुछ Yak-130 हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं।
यह सौदा अगर तय हो जाता है, तो बांग्लादेश वायुसेना की युद्धक क्षमता में बड़ी बढ़ोतरी होगी।
तुर्किये और इटली से रडार सिस्टम खरीद सकता है
मई और अक्टूबर 2025 में वायुसेना प्रमुख हसन महमूद खान की इटली और तुर्किये यात्राओं ने बांग्लादेश के रक्षा सहयोग के नए रास्ते खोले हैं।
इटली में उन्होंने लियोनार्डो के संयंत्रों का दौरा किया, जहां से उन्नत रडार, ट्रैकिंग सिस्टम और हेलिकॉप्टर तकनीक की खरीद पर चर्चा हुई। वहीं, तुर्किये में 1 से 6 अक्टूबर तक उन्होंने तुर्किश एयरस्पेस इंडस्ट्री सहित कई रक्षा कंपनियों से वार्ता की।
तुर्किये के साथ ड्रोन तकनीक, एंटी-मिसाइल सिस्टम और निगरानी उपकरणों के संभावित सौदे पर भी विचार हुआ है। आंतरिक सूत्रों के अनुसार, चीन अभी भी लड़ाकू विमानों के लिए प्रमुख आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
भारत चीनी मिसाइल तबाह कर चुका
मई में पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान भारत के खिलाफ जिन फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था उसमें J-10C फाइटर जेट भी शामिल था। भारत के स्वदेशी हथियारों (जैसे ब्रह्मोस और आकाशतीर) ने इन्हें नाकाम कर दिया था।
इसके अलावा, चीन का PL-15 और HQ-9P मिसाइल, JF-17 फाइटर जेट को भी नाकाम किया था। 9 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले में एक खेत से PL-15E मिसाइल के टुकड़े भी बरामद किए गए थे। यह मिसाइल चीन में बनी थी। इसके बाद 12 मई को वायु सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार इसका मलबा दिखाया था।
पाकिस्तान ने JF-17 लड़ाकू विमान से चीन में बनी PL-15E मिसाइल दागी थी, लेकिन उसे हवा में ही नाकाम कर दिया गया, जिससे वह अपने निशाने तक नहीं पहुंच सकी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहली बार किसी संघर्ष में PL-15E मिसाइल का इस्तेमाल हुआ है।

(Bureau Chief, Korba)