भिलाई: नगर निगम चुनाव में नाम वापसी के अंतिम दिन भाजपा को उन्हीं के उम्मीदवार ने तगड़ा झटका दे दिया। वार्ड 19 से भाजपा प्रत्याशी अजितेश सिंह ने बी फार्म मिलने के बाद चुनाव लड़ने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उनके राजनीतिक गुरु रामानंद मौर्य को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। अजितेश का कहना है कि रामानंद मौर्य वार्ड चुनाव जीतने की दम रखते हैं, इसके बाद भी भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। ऐसा उनके साथ दूसरी बार किया गया है। इसके चलते उन्होंने पार्टी नेताओं को सबक सिखाने के लिए ऐसा किया है। सोमवार दोपहर 3 बजे जैसे ही निकाय चुनाव के लिए पार्षद दावेदारों के नाम वापसी का समय खत्म हुआ, अचानक ही भिलाई नगर निगम में हंगामा हो गया। वार्ड 19 से भाजपा के उम्मीदवार अजितेश सिंह ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी। अजितेश के इस बाद के ऐलान के बाद पार्टी नेताओं ने उन्हें रोका, लेकिन वह बिना किसी से मिले भिलाई निगम कार्यालय से चले गए।लेकिन उन्होंने आरोप जरूर लगाया कि पार्टी अपने कर्मठ पदाधिकारियों के साथ गलत करती है। उनके राजनीतिक गुरु रामानंद मौर्य के संगठन में होने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके चलते उन्हें वार्ड 19 से निर्दलीय दावेदारी करनी पड़ी। उनका आरोप है कि रामानंद मौर्य ने पिछले निगम चुनाव में भी बीजेपी से टिकट मांगी थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। वह अपने राजनीतिक गुरु के साथ गलत होते नहीं देख सके इसलिए उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया है। रामानंद मौर्य वर्तमान में वार्ड 19 से ही निर्दलीय पार्षद हैं। पिछले बार भी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं था। जिसकी चलते वह निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर गए थे।
टिकट को लेकर महिला नेत्री कर चुकी हैं हंगामा, मुश्किलें बरकरार
रविवार को सुपेला क्षेत्र में भाजपा के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर सेक्टर 10 वार्ड 65 से दावेदारी कर रही भाजपा नेत्री सुमन उन्नी ने भी उन्हें टिकट न देने को लेकर हंगामा किया था। सुमन ने आरोप लगाया था कि उनके साथ पहले भी भाजपा ऐसा कर चुकी हैं।इस बार वह अकेली दावेदार थीं, लेकिन उनका नाम काटकर गैर भाजपाई महिला को टिकट दे दिया गया। इसे लेकर सुमन ने भाजपा के आला नेताओं के सामने कुर्सी भी तोड़नी शुरू कर दी थी। हंगामा देख सभी बड़े नेता कार्यक्रम से बिना कुछ बोले चले गए।
