रायपुर: राज्य में पीएम आवास की राशि लौटाने को लेकर सदन से सड़क तक राजनीति हो रही है, लेकिन सिर्फ यही नहीं, बल्कि दर्जनभर और योजनाएं हैं, जिसकी राशि केंद्र को लौटा दी गई है। इसमें मध्याह्न भोजन, समग्र शिक्षा, पशु बीमा से लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट और आदिवासी उम्मीदवारों को आईटी ट्रेनिंग के लिए मिली राशि भी शामिल है। यह राशि करीब 10487.87 लाख है।
पीएम आवास योजना के अंतर्गत राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे पाई। इस वजह से 7.80 लाख हितग्राहियों को मकान नहीं मिल पाएगा। इस मुद्दे पर शीतकालीन सत्र में जोरदार हंगामा हुआ। मानसून सत्र में भी यह बड़ा मुद्दा था। अब नगरीय निकाय चुनाव में विपक्ष इसे मुद्दे के रूप में भुना रहा है। राज्य सरकार का तर्क है कि कोरोना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति गड़बड़ाई है। केंद्र से 20 हजार करोड़ की राशि मिलनी है।
यह राशि नहीं मिल रही। दूसरी ओर योजनाओं में केंद्र सरकार ने अपनी हिस्सेदारी घटा दी है और राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाकर बोझ बढ़ा दिया है। यह भी एक महत्वपूर्ण कारण है कि राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे पा रही है। कई और योजनाएं हैं, जिसके अंतर्गत मिली राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रोजेक्ट बंद कर देने के कारण लौटानी पड़ी, जबकि राज्य की ओर से देरी को कारण बताकर भी राशि वापस ले ली गई।
विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पीएम आवास के अतिरिक्त दर्जनभर और योजनाएं हैं, जिसकी राशि केंद्र को लौटाई गई है। बता दें कि केंद्र से मिलने वाली राशि समेत अन्य मांगों को लेकर अब तक सीएम भूपेश बघेल व मंत्रियों ने 30 चिट्ठियां लिखी हैं। इस पर भी अभी तक केंद्र सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं आया है।
इस तरह राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाकर डाला बोझ योजना 2014 से पहले अब
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन 85:15 60:40
- पीएमजीएसवाय 100 60:40
- मनरेगा 90:10 75:25
- इंदिरा आवास 75:25 60:40
- पीएम आवास 70:30 60:40
- मध्याह्न भोजन 70:30 60:40
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान 75:25 60:40 (नोट- केंद्रांश : राज्यांश)

कोरोना के कारण 80000 लाख नहीं दे पा रहे
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक पीएम आवास योजना-शहरी के अंतर्गत 2019-20 में 29025 आवास स्वीकृत हुए हैं। इसमें राज्यांश की राशि 5786.39 लाख दे दी गई है। 58.02 लाख देना शेष है। इसे मार्च, 2022 तक देने की संभावना है। पीएम आवास योजना- ग्रामीण के अंतर्गत 2019-20 में 151073 आवास स्वीकृत हुए हैं। इसमें राज्यांश की राशि 76281 लाख देना शेष है। पीएम आवास ग्रामीण के लिए 2020-21 में केंद्र ने 648867 आवास का लक्ष्य रखा है। राज्य ने केंद्र के लक्ष्य के विरुद्ध 491052 आवासों की कटौती की है।
