सूरजपुर जिला मुख्यालय से लगे गांव पर्री में एक मादा भालू और दो शावक करीब एक महीने से लगातार रहवासी क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। इसकी सूचना पर वन विभाग की टीम ने पिंजरा लगाकर भालुओं का रेस्क्यू करने का प्रयास किया, लेकिन पिंजरे में सिर्फ एक ही शावक का रेस्क्यू हुआ।
इसके बाद दो भालू लगातार पिंजरे के आसपास ही जमे रहे और पिंजरे में बंद भालू को बाहर निकालने प्रयास करते रहे। लंबे समय बाद भी जब भालू नहीं हटे तो वन विभाग की टीम ने पिंजरे को खोलकर भालू को बाहर निकाल दिया। इसके बाद तीनों भालू गांव से लगे जंगल की तरफ चले गए। जानकारी के अनुसार पर्री गांव में एक व्यक्ति के बाड़े में रेडी टू ईट का प्लांट है।
मां नहीं छोड़ रही थी, इसलिए किया मुक्त
डीएफओ बीएस भगत ने बताया कि एक ही भालू पिंजरे में कैद होने के कारण मां छोड़ नहीं रही थी। इस कारण पिंजरे को खोलना पड़ा। हम लोगों का प्लान था कि भालुओं को रेस्क्यू करने के बाद उन्हें तैमोर पिंगला अभ्यारण्य में छोड़ दिया जाएगा। पिंजरा खुलने के बाद तीनों भालू जंगल की ओर भाग गए हैं।
रेडी टू ईट के प्लांट में लगाया पिंजरा
छठ महापर्व के बाद से तीनों भालू प्लांट में आ रहे थे। गुरुवार रात प्लांट में ही पिंजरा लगाया, लेकिन एक भालू के घुसते ही पिंजरा बंद हो गया। उसके चीखने की आवाज सुन उसकी मां पिंजरे से उसे निकालने का प्रयास करती रही। करीब पांच घंटे तक भी जब भालू मौके से नहीं हटे तो मजबूरन पिंजरे को खोलना पड़ा।
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