
रायपुर: आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल के बाद सरकार ने अब 3 से 8 साल तक के नौनिहालों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए पूरे प्रदेश में बालवाड़ी खोलने का फैसला किया है। प्ले स्कूल की तर्ज पर इन बालवाड़ियों में बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी। बालवाड़ी खोलने का उद्देश्य बच्चों को शुरू से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। सीएम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बाल दिवस पर राज्य के स्कूली शिक्षा का विजन डाक्यूमेंट-2030 पेश करते हुए ये घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने अंतराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप विद्यालय खोलने और नौवीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स को रोजगारोन्मुखी शिक्षा िदए जाने की भी घोषण की।
बता दें कि राजधानी के दीनदयाल ऑडिटोरियम में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम का सीएम ने रविवार को उदघाटन किया। सीएम ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की तर्ज पर क्वालिटी एजुकेशन के लिए राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप विद्यालय संचालित किए जाएंगे। साथ ही तीन साल से अधिक उम्र के छोटे बच्चों के लिए बालवाड़ी का संचालन कर उन्हें पूर्व प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा भी दी जाएगी ताकि पढ़ाई के साथ- साथ किसी विशेष ट्रेड में वे अपना स्किल डेवलप कर सकें।
12वीं के बाद आईटीआई सर्टिफिकेट
बघेल ने कहा कि इस साल हाई स्कूल के विद्यार्थियों के लिए हाई स्कूल की शिक्षा के साथ कुछ स्कूलों में चुनिंदा ट्रेडों में आईटीआई के प्रशिक्षण की शुरूआत की गई है। इस पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को 12वीं की परीक्षा पास करने पर 12वीं के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस साल शुरू किए गए इस पाठ्यक्रम में 8 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
