राजनांदगांव: जुनून और हौसले के दम पर हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। इसे शहर के स्टेशन पारा में रहने वाले विपिन जानवेल्स ने साबित किया है। इन दिनों विपिन को मुंबई में कई वेब सीरीज और सीरियल में रोल मिला है। जल्द ही वे बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में अपनी कला का जौहर दिखाते दिखेंगे।
कमजोर आर्थिक स्थिति के बाद भी मॉडलिंग को करियर के रूप में चुनने वाले विपिन जज्बे और जुनून से अपने लक्ष्य के करीब पहुंचे हैं। विपिन के पिता जानवेल्स जेम्स पेशे से ड्राइवर है। एबीस कंपनी में वह गाड़ी चलाते हैं। जिससे परिवार का सामान्य गुजर बसर चलता रहा है। इन सब के बाद भी विपिन ने अपना लक्ष्य नहीं बदला और मॉडलिंग को करियर के रुप में चुना। कोरोना संक्रमण काल ने जहां इंडस्ट्रीज के कलाकारों के लिए बड़ा संकट पैदा किया, वहीं विपिन इस विषम परिस्थिति में भी अपने कर्मक्षेत्र में डटे रहें।
विपिन बताते है कि कमजोर आर्थिक स्थिति के साथ कोरोना के संकट ने हालात और कमजोर कर दी। लेकिन उन्होंने अपने खर्चे कम से कम रखे और जैसे तैसे इस परिस्थिति से भी बाहर निकले। कड़ी मेहनत और इंडस्ट्रीज में मौके के लिए डटे रहने के चलते उन्हें लगातार वेब सीरीज और सीरियल्स में मौका मिलते गया।
कई बार रिजेक्ट भी होना पड़ा: विपिन ने बताया कि उन्होंने रायपुर के मॉडलिंग शो से किस्मत आजमाना शुरु किया। पहले कुछ शो में रिजेक्ट हुए। इसके बाद एक एक शो में उन्हें विनर का खिताब मिला। इसके बाद हिम्मत और बढ़ती गई। विपिन ने मुताबिक उन्होंने इसके बाद सीधे मुंबई जाने की ठानी। 3 साल तक संघर्ष किया। अब मौका मिलने लगा है।
शहर से ही किया ग्रेजुएशन यहीं रहते हुए लक्ष्य चुना
विपिन शहर के स्टेशन पारा के रहने वाले हैं। उन्होंने एक निजी स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद बीसीए में ग्रेजुएशन किया। कॉलेज के दौरान ही उन्होंने फिल्म इंडस्ट्रीज में जाने का सपना देखा। इसके लिए लोकल लेवल पर ही मेहनत की। पेशे से ड्राइवर पिता बड़ा खर्च करने की ताकत नहीं रखते थे। इसके बाद भी उन्होंने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा। विपिन आने वाले कुछ समय में कुछ फिल्मों में भी देखे जाएंगे। कुछ फिल्मों में भी उन्हें काम का मौका मिला है।
विषम परिस्थितियों में टूटे नहीं, सफल होने जिद जरूरी
विपिन बताते है कि कार्यक्षेत्र कोई भी हो। अगर लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है, उसके लिए पूरी मेहतन से जुटे रहें। कभी सफलता आसानी नहीं मिलती तो कई लोग काम बदलने का सोचते हैं। ऐसा करने की बजाए अपनी मेहनत को जारी रखें और खुद पर भरोसा रखें। विपिन ने बताया कि छोटे शहरों के युवा भी बड़े ख्वाब लेकर मुंबई आते हैं, मै भी उन्हें मे से एक हूं। दूसरों को भी मै यही सीख देना चाहता हूं कि लक्ष्य के लिए पूरी लगन से मेहतन जारी रखें। विषम परिस्थिति में कदम पीछे न करें।