Tuesday, October 1, 2024




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BCC News 24: छत्तीसगढ़- अब धर्म संसद बवाल में ओवैसी भी कूदे… ‘नर संहारी सम्मेलन’ बताते हुए कांग्रेस को लपेटा, बोले- कांग्रेस के बिना मुमकिन नहीं था सम्मेलन… कट्‌टर हिंदुत्ववादी राजा चुनने वाले संत के बयान पर कांग्रेसी चुप क्यों हैं?

छत्तीसगढ़: रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने से उठे विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने सोशल मीडिया पर धर्म संसद को ‘नर संहारी सम्मेलन’ बताते हुए कांग्रेस को इन सबके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में गांधी के खिलाफ कही गई बातों का विरोध हुआ। एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन मुसलमानों के खिलाफ जो कुछ कहा गया उसकी अनदेखी की गई है।

असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, रायपुर के ‘नर संहारी सम्मेलन’ में कालीचरण ने गांधी जी को गाली दी और गोडसे की तारीफ की। इस बात पर आपत्ति जताते हुए राम सुंदर रूठ कर सम्मेलन से चले गए। राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और इनका कैबिनेट रैंक है। ये धर्म संसद के मुख्य संरक्षक थे। सम्मेलन कांग्रेस के बिना मुमकिन ही नहीं था। राम सुंदर के संरक्षण में ना सिर्फ महात्मा गांधी को गाली दी गई, बल्कि ये भी कहा गया कि इस्लाम का मकसद राष्ट्र पर कब्जा करना है।

क्या कालीचरण का बयान आपत्तिजनक नहीं लगा- ओवैसी

ओवैसी ने कहा, “कालीचरण चाहते हैं कि सांसद, विधायक, मंत्री-प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कट्‌टर हिंदुत्ववादी हो। लोगों के वोट न देने की वजह से देश में इस्लाम हावी होगा। लोगों को ज्यादा से ज्यादा वोट देना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्‌टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो। क्या राम सुंदर को यह बयान आपत्तिजनक नहीं लगा? क्या ये बयान निंदनीय नहीं है? जब कालीचरण यह भाषण दे रहा था तो दर्शकों के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने और नंद कुमार साय भी मौजूद थे। किसी ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।

जब दोनों हाथ जोड़कर कालीचरण ने नमस्कार किया तो भीड़ नारे लगाकर तालियां बजाने लगीं, लेकिन राम सुंदर के भाषण को ऐसा समर्थन नहीं मिला। इससे वहां मौजूद लोगों की मानसिकता साफ समझ में आती है। कांग्रेस के कैबिनेट मिनिस्टर रैंक के नेता के संरक्षण में हिंदू राष्ट्र, मुसलमानों के नर संहार, लव जिहाद की बातें हुईं। FIR सिर्फ गांधी जी वाले बयान पर दर्ज हुई। क्या हम समझें कि हमारे नर संहार की बात चिंताजनक नहीं है?”

“ऐसे सम्मेलन में कांग्रेसियों ने हिस्सा क्यों लिया”

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, सवाल सिर्फ गिरफ्तारी का नहीं है। कांग्रेस ने इस सम्मेलन में हिस्सा क्यों लिया? 25 दिसंबर को कलश यात्रा में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय, कांग्रेस के प्रमोद दुबे (रायपुर नगर निगम के सभापति) ने शिरकत की। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे।

ओवैसी ने लिखा, सम्मेलन में दूसरे उग्रवादियों ने भी कई नरसंहारी बयान दिए। सब कुछ कांग्रेस के नेता के संरक्षण में हुआ। संतों का कहना था कि बिना हिंदू राष्ट्र बने देश का कल्याण नहीं हो सकता। ये साफ है कि भाजपा-कांग्रेस दोनों ने उग्रवादियों की सहायता की। हरिद्वार में जो कुछ हुआ उसके बावजूद कांग्रेस ने न सिर्फ इस धर्म संसद को इजाजत दी बल्कि उसमें शिरकत भी की।

“कवर्धा दंगे का संघ ने फायदा उठाया“​​​​​​​

AIMIM नेता ओवैसी ने लिखा, कवर्धा में धार्मिक झंडे को लेकर एक बहस हिंसा में तब्दील हो गई। संघ ने इसका फायदा उठाया और कांग्रेस ने भाजपा को कांटे की टक्कर दी। 6 दिसंबर को संघ परिवार ने हिंदू शौर्य जागरण संकल्प महासभा किया। कांग्रेस सरकार ने खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहां 80 हजार लोगों की भीड़ इकट्‌ठा होने में मदद की। 10 दिसंबर को एक और प्रदर्शन हुआ। इसमें 108 फीट ऊंचे खंभे पर भगवा झंडा फहराया गया। ओवैसी ने लिखा, बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है? सब इस रेस में लगे हैं कि सबसे बड़ा हिंदू कौन?

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