Thursday, March 28, 2024
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BCC NEWS 24: छत्तीसगढ़- बंदर से क्रूरता पर मालिक के खिलाफ FIR: गले में जंजीर से बन गया था घाव, मौत के बाद NGO संचालिका ने दर्ज कराई रिपोर्ट…

बिलासपुर: पालतू बंदर से निर्दयता करने से उसकी मौत होने का मामला सामने आया है। दरअसल, बंदर को जंजीर से बांध कर रखा गया था। जिससे उसके गले में गहरा घाव हो गया और अंतत: बेजुबान बंदर ने दम तोड़ दिया। बंदर की मौत होने पर जीव आश्रय संस्था की संचालिका ने इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है। जिस पर पुलिस ने बंदर पालने वाले के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है। कुदुदंड की रहने वाली निधि तिवारी जीव आश्रय संस्था चलाती हैं। शनिवार की सुबह उन्हें पता चला कि जरहाभाठा मिनी बस्ती में रहने वाला मुकेश कुर्रे ने डेढ़ साल से बंदर को पालकर रखा था। इस दौरान वह बंदर के गले में जंजीर बांधकर रखता था। इससे बंदर के गले में गहरा जख्म हो गया और वह घाव बन गया।

निधी बंदर इलाज के लिए पशु औषधालय ले गया था। जहां डॉ पीयूष तिवारी ने बंदर गले में टांका लगाकर उपचार किया। लेकिन, इसके बाद भी बंदर की जान नहीं बच सकी। रविवार को बेजुबान बंदर की मौत के बाद निधी उसके शव को लेकर सिविल लाइन थाने पहुंच गई। पुलिस ने बंद के शव का परीक्षण कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। TI शनिप रात्रे ने बताया कि जीव आश्रय संस्था की शिकायत मिली है। जिसमें पालतू बंदर होने की बात कही गई है। मामले की जांच के बाद मुकेश कुर्रे के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।

बंदर को बांध कर रखने वाला मुकेश कुर्रे

बंदर को बांध कर रखने वाला मुकेश कुर्रे

उछल कूद से गहरा हो गया जख्म
बताया जा रहा है कि बंदर घर में उछल कूद करता था। इसके चलते उसे पालने वाले मुकेश कुर्रे ने लोहे की जंजीर से बांद दिया था। इस बीच उसके गले में घाव बन गया। जो धीरे-धीरे कर गहरा जख्म हो गया। इस दौरान मुकेश ने उसके गले में बन रहे घाव पर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते जख्म गहरा हो गया।
एक दिन पहले ही मिली थी सूचना
निधी ने पुलिस को बताया कि उसे एक दिन पहले ही बंदर को बांध कर रखने व उसके गले में गहरा जख्म होने की जानकारी मिली थी। दरअसल, निधी शहर के बीमार जानवरों की सेवा करती है। वह उन्हें अपने घर में रखकर ही सेवा भी करती हैं। इसके चलते लोग उन्हें इस तरह की घटना होने पर जानकारी भी देते हैं। शनिवार को ही निधी को बंदर के बीमार होने की जानकारी मिली थी। जिसका वह उपचार कराने के लिए अस्पताल ले गई थी। लेकिन, घाव काफी गहरा होने के कारण डॉक्टर भी उसकी जान नहीं बचा सके।

भूखा-प्यासा भी था बंदर
निधी तिवारी ने पुलिस को बताया कि बेजुबान बंदर को बेरहमी से बांध कर रखा गया था। इसके चलते उसके गले में जख्म हो गया था। बंदर की हालत देखकर ही लग रहा है कि उसे खाना-पीने भी नहीं दिया जा रहा था। इसके चलते उसका शरीर भी एकदम सूख गए थे। इसके बाद भी उसे बाहर रिक्शे में बांध कर रख दिया गया था। उसे पालने वाले मुकेश कुर्रे को उससे कोई लगाव भी नहीं था। यही वजह है कि बंदर तड़प रहा था।

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