जशपुर: नन्द कुमार साय के बयान से प्रदेश बीजेपी में बवंडर मच गया है। नंदकुमार साय ने कहा है कि बीजेपी आलाकमान चाहता है कि आदिवासी समाज को कैसे ताकतवर बनाया जाए,लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा नहीं हो रहा है। भाजपा को 15 सालों की सत्ता के बाद आदिवासी समाज की इतनी नाराजगी झेलना पड़ रही है तो ऐसे में कहीं ना कहीं पार्टी को समाज के प्रति विचार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मैंने 2016 में ही प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ की जमीनी हालत बता दिए थे कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन किया जाय अन्यथा पार्टी की बुरी तरह पराजय हो सकती है लेकिन डॉ रमन सिंह ,प्रदेश प्रभारी सौदान सिंह और राजनाथ सिंह मिलकर गलत रिपोर्ट देते रहे। 65 प्लस का नारा देकर पार्टी के आला नेताओं को भ्रमित कर दिया। जिसका नतीजा क्या निकला यह बताने की जरूरत नहीं है। 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में मैंने बीजेपी के प्रचार में जी जान लगाकर मेहनत की लेकिन दूसरी और तीसरी बार बहुमत में आने के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री नही बनाया गया।
विधानसभा चुनाव में उन्हें मरवाही से टिकट दिया गया था । अजीत जोगी जैसे आदमी से चुनाव जीतना सम्भव नही था फिर भी दमदारी से चुनाव लडा । हालांकि वह हार गए लेकिन प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिल गया । बहुमत मिलने के बाद जब उन्होंने मुख्यमंत्री बनाने को कहा तो उन्हें पार्टी ने कहा कि उन्हें बनाया जाता अगर वह मरवाही से चुनाव जीत जाते । उन्होंने आगे कहा कि पार्टी को उन्हें दो जगहों से टिकट देनी थी। लेकिन सिर्फ मरवाही से मैदान में उतार दिया ।
राजधानी में भी राजनीति सरगर्म
भाजपा की खेमेबाजी उजागर: चौबे
साय के जशपुर में दिए बयान के बाद राजधानी में भी राजनीति सरगर्म रही। साय के जरिए कांग्रेस ने जहां भाजपा में चल रही खेमेबाजी पर हमला किया तो भाजपा नेता बचाव करते रहे। वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा की जो दुर्गति हो रही है उसे प्रदेश और देश की जनता देख रही है। नंदकुमार साय भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं उनका यह बयान उनके दर्द को दर्शाता है कि वे कितने उपेक्षित हैं। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का कहना है कि सायजी ने जो मन की बात कही है वह सरासर सही बातें है। 15 साल राज करने के बाद भाजपा के नेता एक -दूसरे को पचा नहीं पा रहे हैं। रमन सिंह अलग चल रहे, बृजमोहन अलग। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भाजपा में उपेक्षित कर दिए हैं। ये लोग धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं।
नंदकुमार साय की नहीं हुई अनदेखी:विष्णुदेव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने नंदकुमार साय के बयान को लेकर पलटवार किया है उन्होंने कहा कि नन्दकुमार साय ऐसे नेता हैं जिनकी अनदेखी नही की जा सकती न ही आजतक उनकी कोई अनदेखी की गई है। वह 1977 से लगातार पार्टी के जिमनेदार पदों पर रहते हुए कई बार क्षेत्र के विधायक रहे ,कई बार सांसद रहे ,कई बार राज्यसभा सांसद रहे। इसके अलावे अविभाजित मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और छग में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
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