छत्तीसगढ़: बिलासपुर में मंगलवार की सुबह स्कूल की दीवार गिरने से दूसरी कक्षा की छात्रा की मौत हो गई। इस घटना के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। इधर, हादसे के बाद गुस्साए पिता ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने संचालक के खिलाफ अपराध दर्ज करने के साथ ही मुआवजा राशि देने की मांग की है। घटना सरकंडा थाना क्षेत्र की है।
निर्मल ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल में हुआ हादसा।
बाथरूम गई थी तभी हुआ हादसा
बहतराई स्थित गीतांजली सिटी फेस-2 में निर्मल ज्ञानोदय पब्लिक स्कूल है। यहां बहतराई के अटल आवास निवासी वैशाली साहू पिता टकेश्वर साहू (7 वर्ष) दूसरी कक्षा में पढ़ती थी। रोज की तरह वह मंगलवार की सुबह स्कूल गई थी। सुबह करीब 11 बजे छात्रा वैशाली स्कूल में बाथरूम तरफ गई थी। तभी अचानक बाथरूम की दीवार गिर गई।
इस हादसे में वह उसके सिर में गंभीर चोंटें आईं। स्कूल के बच्चों ने इस हादसे की सूचना शिक्षकों को दी। तब आनन-फानन में उसे पास के निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
दीवार गिरने से छात्रा की मौत के बाद घटनास्थल की जांच करने पहुंची पुलिस
दीवार जर्जर थी
छात्रा वैशाली के पिता टकेश्वर साहू टेंट हाउस का काम करता है। उसने बताया कि स्कूल के बाथरूम की दीवार जर्जर हो गई थी। इससे पहले भी स्कूल प्रबंधन को बाथरूम की दीवार को ठीक कराने कहा गया था। लेकिन, प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने इस हादसे के लिए स्कूल संचालक को दोषी ठहराया है और उसके खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की है। साथ ही बेटी की मौत के लिए 5 लाख रुपए मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है।
तीन बेटियों में छोटी थी वैशाली
टेंट हाउस का काम करने वाले टकेश्वर साहू की तीन बेटियां हैं, जिनमें वैशाली सबसे छोटी थी। उनकी बड़ी बेटी दुर्गेश्वरी आठवीं कक्षा में पढ़ती है और दूसरी बेटी खिलेश्वरी पांचवीं कक्षा में पढ़ रही है। इस हादसे के समय उनकी दो बेटियां भी स्कूल में थी।
छात्रा की मौत के बाद परिजन पहुंचे CIMS
संचालक को पकड़कर पूछताछ कर रही पुलिस
छात्रा के पिता के आरोप लगाने के बाद पुलिस ने स्कूल संचालक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। स्कूल स्टॉफ भी सरकंडा थाने में हैं। पिता का कहना है कि अभी हाल में ही उसने पांच हजार रुपए फीस देने की बात कही है। स्कूल संचालक ध्यान देता तो दीवार बनाने में पांच हजार रुपए भी खर्च नहीं होता और उसकी बेटी की जान नहीं जाती।