जशपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर में बुधवार देर रात हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। फरसाबहार ब्लॉक स्थित गांव में घुसे हाथियों ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और मकान तोड़ डाले। वहां रखा रेडी टू ईट भोजन, चावल और लोगों के घरों के राशन भी चट कर गए। इस दौरान ग्रामीणों ने वहां से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम गांव में पहुंची, लेकिन सफल नहीं हुए। हालांकि इसके बाद हाथी खुद ही चले गए।
जानकारी के मुताबिक, ओडिशा बार्डर से लगे सागजोर के आश्रित गांव माटीहेजा में बुधवार देर रात हाथियों का दल घुस आया। इसमें दो मादा हाथी और उनके 2 बच्चे भी थे। हाथियों ने आते ही प्राथमिक स्कूल की बाउंड्री तोड़ दी और अंदर घुस गए। पहले वह परिसर में ही घूमते रहे, फिर अंदर लगे दरवाजे और खिड़की तोड़ कर कमरे तक पहुंच गए। वहां मिड-डे मील के लिए रखे आलू खा गए। इस दौरान शोर सुनकर ग्रामीण वहां पहुंचे, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सके।
हाथियों ने स्कूल की बाउंड्रीवॉल, गेट और खिड़की भी तोड़ दी।
आंगनबाड़ी केंद्र में रखा चावल, रेडी टू ईट चट कर गए
वहां से हाथियों का दल आंगनबाड़ी केंद्र की ओर बड़ा और बाउंड्री, खिड़की व दरवाजे तोड़कर भवन के अंदर घुस गया। इस दौरान महिलाओं और बच्चों को देने के लिए रखा पोषाहार खा गए। उससे भी ज्यादा सामान बर्बाद किया है। हाथियों इस उत्पात के चलते केंद्र में रखा 50 किलो चावल, 20 पैकेट रेडी टू ईट भोजन खाने के साथ ही बहुत सारा राशन बर्बाद कर दिया। हाथियों के इस उत्पात को देख ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी।
वन विभाग की टीम पहुंची, पर भगाने में नाकामयाब रही
वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन उनकी कोशिशों के बावजूद हाथी भागने को तैयार नहीं थे। काफी देर तक स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में उत्पात मचाने के बाद हाथी बाहर निकले। इस दौरान रास्ते में लक्ष्मण विश्वकर्मा का मकान था। जिसे हाथियों ने बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर अंदर रखा सारा खाना बर्बाद कर दिया। गनीमत थी कि हाथियों के हमले के दौरान पूरा परिवार स्कूल के पास ही एकत्र था। जिसके कारण बड़ा हादसा बच गया।