रायपुर। हम किसानों को जागृत करना चाहते हैं, हम किसानों को जगायेंगे। सरकार जो कि सोई हुई है हम उनके कानों में तेल डालना चाहते हैं, अगर यह सरकार नहीं जागेगी तो जनता और किसान बदला लेंगे। यह चेतावनी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल की है। पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर के एकात्म परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है हम चाहते हैं कि धान की खरीदी 1 नवंबर से शुरू की जाए अगर सरकार यह नहीं करेगी तो जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं के साथ बृजमोहन अग्रवाल रायपुर के जिला कलेक्टर कार्यालय भी पहुंचे। यहां उन्होंने धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू किए जाने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। ये ज्ञापन राज्यपाल के नाम है। भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की फसल पककर तैयार है मगर धान खरीदी नहीं की जा रही है। प्रदेश में धान के रकबे को गुपचुप ढंग से कम करने की साजिश भी कांग्रेस सरकार रच रही है। अफसरों पर दबाव डाला जा रहा है। हम चाहते हैं इस मामले में प्रदेश की राज्यपाल दखल दें पिछले सत्र में केंद्र ने धान के समर्थन मूल्य में करीब 300 रुपए की वृद्धि की है। इस हिसाब से प्रदेश के किसानों को अगली फसल के लिए न्यूनतम 28 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत एकमुश्त सरकार को देना चाहिए।
सरकार ने कहा – 1 दिसंबर से लेंगे धान
प्रदेश की सरकर ने 1 दिसंबर से धान खरीदी करने का एलान कर दिया है। इस पर भाजपा की तरफ कहा गया है कि प्रदेश में मुख्य रूप से महामाया और सरना दो किस्म के धान की खेती होती है। इसमें महामाया जहां 115 से 125 दिन में तैयार हो जाता है, वहीं सरना 130 से 145 का समय लेती है। प्रदेश में 15 जून से लेकर 30 जून तक फसल की बुवाई पूरी हो जाती है। ऐसे में हरहुना / महामाया धान की फसल की कटाई का काम जहां नवम्बर के पहले सप्ताह में पूरी हो जायेगी, वहीं सरना की कटाई भी पहले सप्ताह में ही शुरू हो जायेगी। किसानों को कटाई और मिजाई के लिए भी पैसे की ज़रूरत होती है, इसके साथ ही हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार दीपावली भी पहले सप्ताह में ही होने के कारण किसानों को पैसों की सबसे अधिक आवश्यकता इसी समय होती है। धान खरीदी में देरी से दिक्कतें होंगी।
भाजपा की मांग
1. धान खरीदी हर हाल में एक नवंबर से प्रारंभ करे। 2. धान की पूरी कीमत का भुगतान एकमुश्त हो। पिछला बकाया भुगतान तुरंत हो। 3. केंद्र द्वारा एमएसपी में लगातार किये गए वृद्धि का लाभ किसानों को देना सुनिश्चित 4. गिरदावरी के बहाने रकबा कटौती पर पूरी तरह रोक लगाए जाएं। 5. कांग्रेस की घोषणा के अनुरूप किसानों का दाना-दाना धान खरीदे जाएं। 6. घोषणा पत्र में किये वादे अनुसार किसानों को दो वर्ष का बकाया बोनस दिए जायें।