लखनऊ/रायपुर: यूपी विधानसभा चुनावों से पहले किसानों को साधने के लिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ के फॉर्म्यूले पर काम कर रही है। विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूपी के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। बुधवार को उन्होंने घोषणा की है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर धान और गेहूं की खरीदी करेगी।
बुधवार को बघेल ने यह घोषणा उसी लखीमपुर खीरी इलाके में की है जहां कुछ महीने पहले किसानों के साथ हिंसा हुई थी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे पर इसका आरोप लगा था। प्रतिज्ञा रैली को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि यूपी के किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिलता। प्रति क्विंटल धान के लिए उन्हें बमुश्किल हजार-बारह सौ रुपये मिलते हैं। उन्होंने सत्ता में आने पर किसानों की कर्ज माफी का ऐलान भी किया। उन्होंने यह दावा भी किया कि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार किसानों को प्रति क्विंटल धान और गेहूं के लिए 2500 रुपये कीमत देती है।
बघेल के दावे काफी हद तक सही हैं, लेकिन उनकी घोषणा को यूपी में कैसे लागू किया जाएगा, इस पर सवालिया निशान खड़े हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ में किसानों से एक एकड़ भूमि के एवज में 15 क्विंटल धान की खरीदी की जाती है। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार के द्वारा निर्धारित एमएसपी की राशि 1940 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से तुरंत भुगतान किया जाता है। इसके अलावा राज्य सरकार किसानों को बोनस का भुगतान भी करती है जो प्रति एकड़ नौ हजार रुपये निर्धारित है।
सरल शब्दों में समझें तो किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी होती है। एक एकड़ में 15 क्विंटल धान बेचने पर सरकार से 29100 का भुगतान तुरंत मिल जाता है। इसके बाद प्रति एकड़ भूमि पर खेती के लिए राज्य सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत 9000 बोनस देती है। इन दोनों को जोड़ दें तो किसानों को प्रति क्विंटल धान के बदले करीब 2500 रुपये मिल जाते हैं।
यूपी चुनावों में भूपेश बघेल की अहम भूमिका का मुख्य कारण राज्य में ओबीसी वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है। इसके साथ किसानों को साधने के लिए चुनावी सभाओं में छत्तीसगढ़ मॉडल की बार-बार चर्चा हो रही है।