फरीदकोट: पंजाब के फरीदकोट जिले में इंटरनेशनल शूटर खुशसीरत कौर ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। घर में ही अपने कमरे में 17 वर्षीय खुशसीरत ने खुद को गोली मारी। परिजनों को गोली चलने की आवाज से घटना का पता चला तो पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। कमरे में तलाशी में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन परिजनों के अनुसार, खुशसीरत तनाव में थी, शायद इसलिए उसने यह कदम उठाया।
खुशसीरत 12वीं में नॉन मेडिकल (विज्ञान संकाय) की स्टूडेंट थी। बताया जा रहा है कि खुशसीरत पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में थी। डिप्रेशन की वजह खेल में अच्छा परफॉर्म न कर पाना था। खुशसीरत का एक छोटा भाई है तथा माता-पिता दोनों सरकारी नौकरी करते हैं, इसलिए घर से आर्थिक रूप से उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। खुशसीरत के सुसाइड करने की खबर के बाद प्रशासन और कोचिंग सेंटर के अधिकारी उनके घर पर पहुंचे।
कोरोना काल के चलते नहीं कर पा रही थी परफॉर्म
पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि खुशसीरत अपनी खेल को लेकर काफी गंभीर थी। पिछले साल कोरोना की वजह से वह न तो ढंग से प्रैक्टिस कर पाई और न ही परफॉर्म कर पाई थी। इस बात को उसने अपने दिमाग में बिठा लिया, इसलिए पिछले कुछ महीनों से डिप्रेशन में थी। उन्होंने उसे डिप्रेशन से निकालने के काफी प्रयास किए। उसका ध्यान बंटाने की कोशिश भी की, लेकिन वह इसमें असफल रहे और उसने अपनी जान ले ली।
इंटरनेशनल शूटर खुशसीरत कौर।
एक ही साल में राष्ट्रीय स्तर पर जीते थे 11 गोल्ड मेडल
खुशकीरत अपनी खेल को लेकर काफी गंभीर रहती थी, शायद यही उसके मौत का कारण भी बनी। कोरोना काल से पहले की बात करें तो खुशसीरत ने एक ही साल में 11 गोल्ड मेडल राष्ट्रीय स्तर पर जीतकर इतिहास रचा था। खुशसीरत सिर्फ निशानेबाजी ही नहीं, बल्कि तैराकी में भी दक्ष थी। तैराकी में भी खुशसीरत ने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन खेल की वजह से वह अपनी जान ले लेगी, परिजनों ने सोचा नहीं थी।
इंटरनेशनल शूटर खुशसीरत कौर अपने मेडल दिखाती हुईं।
पिता शिक्षक और माता एग्रीकल्चर विभाग में
खुशसीरत एक खुशहाल परिवार से थी। घर पर सिर्फ चार ही लोग थे, माता-पिता और छोटा भाई। पिता शिक्षक के पद पर हैं, जबकि मां एग्रीकल्चर विभाग में नौकरी करती हैं। छोटा भाई पढ़ता है। खुशसीत खुद 12वीं की विज्ञान संकाय की स्टूडेंट थी।